
शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रखा बने पहले भारतीय यात्री,रचा इतिहास
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला Ax-4 मिशन के तहत स्पेस स्टेशन पर पहुंचे
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखकर इतिहास रच दिया
स्पेस स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले भारतीय भी हैं.
अंतरिक्ष यात्री और वहां की स्थायी टीम मौजूद है.
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। वह भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री (पहले राकेश शर्मा) हैं, लेकिन ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं। यह भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों में एक बड़ी छलांग है। भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला न केवल एक अनुभवी टेस्ट पायलट हैं, बल्कि अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बनकर इतिहास में भी अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। लखनऊ स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने 2005 में नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) से कंप्यूटर साइंस में बीएससी की डिग्री प्राप्त की।
2006 में शुभांशु ने भारतीय वायु सेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन हासिल किया। अपने 19 वर्षों के सैन्य करियर में वे सुखोई-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जैगुआर, हॉक, डोर्नियर और एएन-32 जैसे अत्याधुनिक सैन्य विमानों को उड़ाने का 3,000 घंटे से भी अधिक अनुभव हासिल कर चुके हैं। 2019 में इसरो ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को गगनयान मिशन के लिए चुना था। इसके बाद उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर और बेंगलुरु स्थित इसरो के प्रशिक्षण केंद्र में कठोर अंतरिक्ष प्रशिक्षण प्राप्त किया। वर्तमान में शुभांशु Ax-4 मिशन में पायलट की भूमिका निभा रहे हैं। इस मिशन में वह अंतरिक्ष यान की कक्षा, गति और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से डॉकिंग प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। ISS पर शुभांशु सात भारतीय वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देंगे, जिनमें मूंग और मेथी के बीजों का अंकुरण, सूक्ष्मजीवों की गतिविधियों का अध्ययन, और माइक्रोग्रैविटी का मानव मांसपेशियों पर प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। अंतरिक्ष से गूंजा हिंदी संदेश: “मैं अकेला नहीं, आप सभी मेरे साथ हैं” – शुभांशु शुक्ला
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से हिंदी में भावुक संदेश भेजा। उन्होंने कहा,
“नमस्ते, मेरे प्यारे देशवासियों। यह एक शानदार यात्रा थी। मैं अपने कंधे पर तिरंगा लेकर जा रहा हूं, जो मुझे बताता है कि मैं अकेला नहीं हूं, बल्कि आप सभी के साथ हूं। यह मेरी आईएसएस यात्रा की शुरुआत नहीं, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है।”
शुभांशु का यह संदेश न केवल देशवासियों के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि यह इसरो के गगनयान मिशन और भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय भी