
ACB अधिकारियों के मुताबिक, SI मंजू ने FIR रद्द करने के लिए विभाग को कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी थी
सोनीपत: पहले भी ले चुकी थी 40 हजार
सोनीपत, 28 जून 2025 — हरियाणा में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। टीम ने सिविल लाइन थाना, सोनीपत में तैनात महिला सब-इंस्पेक्टर मंजू को 60 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
मामला क्या है?
जानकारी के अनुसार, एक व्यक्ति पर बलात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी FIR पहले रोहतक में दर्ज हुई थी। बाद में यह केस सोनीपत के सिविल लाइन थाना में ट्रांसफर कर दिया गया। जांच के दौरान यह मामला झूठा साबित हुआ, लेकिन FIR रद्द करने के लिए सब-इंस्पेक्टर मंजू ने पीड़ित व्यक्ति से 1 लाख रुपए की मांग की।
पहले ली 40 हजार, फिर मांगे 60 हजार और फंसी
व्यक्ति ने मंजू को पहले ही 40 हजार रुपए नकद दे दिए थे, लेकिन जब मंजू ने बाकी के 60 हजार रुपए की मांग की, तो व्यक्ति को संदेह हुआ और उसने हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो से संपर्क किया। शिकायत मिलने पर ACB ने एक योजना के तहत कार्रवाई की और महिला अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
बिना विभागीय सूचना के कर रही थी सौदेबाज़ी
ACB अधिकारियों के मुताबिक, SI मंजू ने FIR रद्द करने के लिए विभाग को कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी थी और व्यक्तिगत रूप से पीड़ित से सौदा कर रही थी। यह पूरी प्रक्रिया अवैध और भ्रष्टाचार की श्रेणी में आती है। इस प्रकार, मंजू ने न सिर्फ कानून का दुरुपयोग किया, बल्कि न्याय प्रणाली को भी कलंकित किया।
पुलिस विभाग में मचा हड़कंप
महिला पुलिस अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद हरियाणा पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। ACB ने सबूतों के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है और SI मंजू को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही है। इस मामले में अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।
ACB की अपील
ACB ने आम जनता से अपील की है कि अगर किसी भी अधिकारी द्वारा रिश्वत की मांग की जाती है, तो वह तुरंत एंटी करप्शन ब्यूरो के हेल्पलाइन नंबर या पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जनता की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण हथियार है।