
दुर्घटनाएं बढ़ीं, गड्ढे नहीं भरे जा रहे, ठेके सरकार विरोधी नेताओं के समर्थकों के पास; उद्योग मंत्री ने दिए जांच के आदेश
गुरुग्राम 30 जून। हरियाणा के महत्वपूर्ण पलवल–मानेसर–कुंडली एक्सप्रेसवे की हालत इन दिनों इतनी खराब हो चुकी है कि इसे “एक्सप्रेसवे” कहना ही विडंबना लगता है। इस राजमार्ग की सड़कें अब ग्रामीण पथों से भी ज्यादा जर्जर हो चुकी हैं। आये दिन हो रही दुर्घटनाओं में लोगों की जानें जा रही हैं और इसके पीछे जो कारण सामने आ रहे हैं, वे बेहद राजनीतिक और चिंताजनक हैं।
ठेकेदारी में राजनीतिक खेल: सरकार भाजपा की, ठेकेदारी अन्य दलों के पास
सूत्रों और स्थानीय नागरिकों के अनुसार, इस एक्सप्रेसवे के रखरखाव और मरम्मत के कार्य जिन ठेकेदारों के पास हैं, वे सीधे तौर पर विपक्षी राजनीतिक दलों—पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला—के राजनीतिक समर्थकों से जुड़े हुए हैं।
इन ठेकेदारों पर आरोप है कि वे सरकार के विकास कार्यों को जानबूझकर खराब गुणवत्ता से करते हैं, ताकि जनता में सरकार की छवि बिगाड़ सकें। इस एक्सप्रेसवे पर 4 से 5 लोगों की जानें हर सप्ताह सड़क दुर्घटनाओं में जा रही हैं, लेकिन स्थिति में सुधार की कोई पहल नहीं की जा रही।
गड्ढों पर ‘पैचवर्क’ नाम की मज़ाक
बरसात के मौसम में हाईवे पर उभरे गड्ढों को अस्थाई पैचवर्क से भरा जाता है, जो कुछ ही घंटों में उखड़ जाते हैं। इससे सरकार का करोड़ों रुपये का बजट सिर्फ दिखावे के पैचवर्क में बर्बाद हो रहा है। सड़क किनारे बनी गहरी खाइयों में गाड़ियां गिर रही हैं, मगर न कोई निरीक्षण है, न कोई कार्यवाही।
अवैध दुकानें, ठेकेदारों की वसूली और हादसों की नई वजह
केवल सड़क की स्थिति ही नहीं, बल्कि सड़क किनारे अवैध रूप से बनाई गई अस्थाई दुकानें भी अब दुर्घटनाओं का कारण बन रही हैं। इन दुकानों की स्थापना भी कथित तौर पर उन्हीं ठेकेदारों की निगरानी में होती है, जो इस सड़क के जिम्मेदार हैं। दुकानों के कारण वाहनों का जमावड़ा लगता है और कई बार गाड़ियां अनियंत्रित होकर हादसों का शिकार हो जाती हैं।
सरकार को बदनाम करने की चाल?
स्थानीय लोग मानते हैं कि ठेकेदारों की यह लापरवाही राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। ठेकेदारों को सरकार की छवि खराब करनी है, क्योंकि वे भाजपा समर्थक नहीं, बल्कि अन्य दलों के प्रति निष्ठावान हैं। ऐसे में, काम अधूरा या खराब करके सरकार को असफल साबित करना ही उनका लक्ष्य बन गया है।
मंत्री राव नरवीर सिंह का बड़ा बयान: “अब कोई नहीं बचेगा”
इस गंभीर स्थिति पर जब हरियाणा के उद्योग मंत्री राव नरवीर सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने स्पष्ट कहा:
“इस पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी। जो भी ठेकेदार या अधिकारी दोषी पाया गया, उसे जेल भेजा जाएगा। अब भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे ठेकेदारों की सूची बनाई जाएगी, जो वर्षों से एक ही विभाग में काम करते आ रहे हैं और कार्य गुणवत्ता की अनदेखी कर रहे हैं। सरकार अब उन्हें ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
अधिकारियों को दी चेतावनी
मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को भी चेतावनी दी कि यदि उनकी लापरवाही से सड़कें टूटी या गड्ढों से भरी पड़ी हैं, और सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा:
“जल्द ही पलवल–मानेसर–कुंडली एक्सप्रेसवे की मरम्मत कराई जाएगी और नए ठेके उन्हीं कंपनियों को दिए जाएंगे, जो योग्य और ईमानदार हों।”
हरियाणा में सरकार भले ही भाजपा की हो, लेकिन सड़कों की दुर्दशा यह साबित कर रही है कि प्रशासन और ठेकेदारी पर अभी भी विपक्ष के प्रभावशाली लोगों का नियंत्रण है। जब तक ऐसी राजनीतिक ठेकेदारी से प्रदेश की सरकार मुक्ति नहीं पाएगी, तब तक जनता को मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।