
आखिर क्यों बार बार युद्ध विराम का क्रेडिट ले रहें है ट्रम्प विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका में ही ट्रम्प को सुनाया अभी अभी भी क्रेडिट लेने से पीछे नहीं है ट्रम्प क्यों भारत-पाकिस्तान DGMO के बीच हुआ, इसको यहीं छोड़ता हूं. अमेरिका के धरती पर ही एस जय शंकर ने दहाड़ा
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आखिर क्यों बार बार युद्ध विराम का क्रेडिट ले रहें है ट्रम्प
विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका में ही ट्रम्प को सुनाया
अभी अभी भी क्रेडिट लेने से पीछे नहीं है ट्रम्प क्यों
भारत-पाकिस्तान DGMO के बीच हुआ, इसको यहीं छोड़ता हूं.
अमेरिका के धरती पर ही एस जय शंकर ने दहाड़ा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दावों को खारिज कर दिया जिसमें वह बार-बार भारत और पाकिस्तान युद्ध में सीजफायर करवाने का क्रेडिट बार-बार ले रहे थे आपको बता दें जब इंडिया वर्सेस पाकिस्तान में सीजफायर हुआ था तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बात का हवाला बार-बार अलग-अलग देश में दे रहे थे कि यह सीजफायर मैंने करवाया है अगर मैं नहीं होता तो यह देश आपस में ही लड़ जाते और शांति भंग होती इन खबरों को मीडिया में काफी उछाला भी गया लेकिन अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में विदेश मंत्री ने इस बात को पत्रकारों के सामने बिल्कुल स्पष्ट करते हुए बताया है की उसे समय जो कुछ हुआ उसका रिकॉर्ड बहुत स्पष्ट है और युद्ध विराम दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बातचीत करने के बाद ही हुआ था इसमें किसी तीसरे का कोई हाथ नहीं है इसके साथ ही भारत ने अमर की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दावों को भी खारिज कर दिया जिसमें अमेरिका ने ट्रेड का हवाला देकर दोनों देशों के बीच युद्ध विराम रुकवाया था अब देखिए भारत की ओर से लगातार कहे जाने की बावजूद ट्रंप इस युद्ध विराम का क्रेडिट लेने के मोह को छोड़ नहीं पा रहे हैं लगातार वह क्रेडिट लिए जा रहे हैं अपनी छवि सुधारने के लिए भारत का सहारा ले रहे हैं लेकिन ट्रंप को जहां भी मौका मिलता है वह इस बात को जरूर कहते हैं कि उन्होंने भारत पाकिस्तान के युद्ध को विराम दिलवा कर परमाणु संपन्न दो पड़ोसियों के बीच युद्ध रुकवा दिया है इस बात को कई बार दोहरा चुके हैं डोनाल्ड ट्रंप जबकि भारत ने इस बात को शुरू से खारिज किया है अब देखिए वाशिंगटन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब पत्रकारों ने पूछा की डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का ऐलान किया तो आपकी क्या प्रतिक्रिया थी पीएमओ में क्या चल रहा था क्या आपने अपनी सहमति जाहिर की अमेरिकी प्रशासन से संपर्क किया इस पर जयशंकर ने कहा,, देखिए आज भी भारत अमेरिका के संबंधों में भारत अमेरिका ही सेंट्रल फैक्टर है हम एक बड़े देश हैं हम दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था में से आते हैं हमारी जनसंख्या सबसे अधिक है हमारा प्रभाव अब बढ़ रहा है हमारे अंदर यह आत्मविश्वास होना चाहिए और यह प्रश्न पूछने के दौरान भी झलक ना चाहिए उन्होंने सीजफायर के सवाल पर विदेश मंत्री या जयशंकर ने कहा कि उसे समय क्या हुआ इसके रिकॉर्ड बहुत स्पष्ट है सीजफायर को दो देशों के डीजीएमओ द्वारा किया गया था इसलिए मैं इसको यहीं पर छोड़ता हूं इस पर बात करने का कोई मतलब नहीं है आतंकवाद के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह एक फैक्ट है कि कई देश आतंकवाद पर वह नजरिया नहीं रखते हैं लेकिन जब खुद वह देश आतंकवाद का शिकार हो जाते हैं तो उनका स्टैंड भी क्लियर हो जाता है और वह भी सतर्क हो जाते हैं और उनका नजरिया में बदल जाता है इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी पर जब वही चीज बीती है तब पता चलता है मुझे चोट लगी है यह आपको समझ नहीं आएगा आप मेरी पीड़ा नहीं समझ पाएंगे लेकिन अगर वह चोट आपको लगेगी तो आप बिल्कुल समझ पाएंगे और आप अपने लिए भरसक प्रयास करेंगे की सारी चीज सही हो जाए जल्दी-जल्दी उन्होंने लास्ट में कहा कि ना तो अमेरिका और ना ही किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका थी नई दिल्ली में यह स्पष्ट किया गया था कि भारत द्वारा 9 और 10 मई को पाकिस्तान के कई एयरबेस पर हमले किए जाने के बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ ने खुद हिंदुस्तान के डीजीएमओ को संपर्क किया था और यह युद्ध विराम रुकवाने की बात की थी और लड़ाई बंद करने पर सहमति जताई थी