
पीएम मोदी ने दलाई लामा को उनके 98वें जन्मदिन पर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व Twitter) पर एक भावपूर्ण संदेश देते हुए बधाई दी। उन्होंने पूरे 1.4 अरब भारतीयों की ओर से दलाई लामा को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उन्हें प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन का प्रतीक बताया। साथ ही उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना भी की संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से भी विशेष संदेश आया है। रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रुबियो ने दलाई लामा को बधाई देते हुए कहा कि वे “एकता, शांति और करुणा” का जीवंत प्रतीक हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका “तिब्बती धार्मिक स्वतंत्रता और तिब्बतियों की सांस्कृतिक-धार्मिक विरासत को संरक्षित करने के” लिए दृढ़ संकल्पित है और चीन की इस क्षेत्र पर दखलअंदाज़ी का विरोध करता है ।धर्मगुरु दलाई लामा के 90वें जन्मदिन को धर्मशाला में एक बड़े पैमाने पर मनाया गया, जिसमें कलाकार रिचर्ड गेरे समेत कई गणमान्य व्यक्ति शामिल रहे वहीं दलाई लामा ने अपने भाषण में कहा कि वे मानव मूल्यों व धार्मिक सद्भाव के रास्ते पर दृढ़ रूप से चलना जारी रखेंगे, साथ ही उन्होंने अपने पुनर्जन्म और उत्तराधिकारी चुनने के पारंपरिक तरीके पर भी जोर दिया यह बधाई संदेश एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संकेत भी है — भारत के और चीन के बीच लद्दाख सीमा विवाद के समय दलाई लामा को सार्वजनिक रूप से बधाई देना, एक स्पष्ट संदेश है कि भारत धार्मिक स्वतंत्रता व आध्यात्मिक दृष्टिकोण को महत्व देता है।
अमेरिका की प्रतिक्रिया ने भी चीन को पुनः यह संकेत दिया है कि तिब्बती मामलों में वह सीधे हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता, खासतौर पर धार्मिक पहचान और तथ्यात्मक विरासत की रक्षा करने वाले मामलों में ।इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि दलाई लामा को लेकर भावनात्मक जुड़ाव केवल धार्मिक या व्यक्तिगत नहीं रहा—यह वैश्विक राजनैतिक परिदृश्य और चीन-भारत-अमेरिका संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को उनके जन्मदिन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X (पूर्व Twitter) पर एक भावनात्मक संदेश दिया, जिसमें उन्होंने स्वयं और 1.4 अरब भारतीयों की ओर से बधाई भेजी। मोदी ने उन्हें “प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन का चिरस्थायी प्रतीक” बताया तथा उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की यह सार्वजनिक बधाई मोदी की राजनीतिक रणनैतिक चाल मानी जा रही है — खासकर ऐसे समय पर जब भारत–चीन सीमा पर तनाव बना हुआ है। मीडिया विश्लेषकों के अनुसार यह संदेश चीन के प्रति एक स्पष्ट संकेत भी है ।अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो (Reuters में ‘U.S. Secretary of State Marco Rubio’ लिखा गया लेकिन संदर्भ स्पष्ट है) ने दलाई लामा के लिए संदेश भेजा जिसमें उन्हें “एकता, शांति और करुणा का प्रतीक” बताया और अमेरिका ने यह दोहराया कि वह “तिब्बती धार्मिक स्वतंत्रता तथा संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, और चीन के हस्तक्षेप का विरोध करता है धर्मशाला में एक सप्ताह तक जारी जन्मदिन समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम, आराधना और अंतर्राष्ट्रीय धर्मगुरु और भक्त शामिल थे। हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेरे सहित कई दिग्गज मौजूद थे समारोह से एक दिन पहले ही मेदांजि को दी गई लंबी आयु की प्रार्थना सभा में उन्होंने अपनी उम्मीद जताई कि वे 130 वर्ष से अधिक तक जीवित रह सकते हैं, और अपने विश्वास पर उन्होंने यह भी जोर दिया कि पुनर्जन्म और उत्तराधिकारी चयन की प्रक्रिया उनके स्वयं के संगठन (Gaden Phodrang Trust) द्वारा की जाएगी, न कि चीन द्वारा पीएम मोदी की ओर से पहली बार इतने बड़े पैमाने पर सार्वजनिक बधाई ने चीन किंवा सीमा विवादों में महत्वपूर्ण संदेश छोड़ा।
दलाई लामा की लंबी आयु की कामना, उत्तराधिकारी चयन पर नियंत्रण और एक “मुक्त संसार” में पुनर्जन्म की योजना चीन विरोधी वाक्य बनीदीक्षा ला रही है।
अमेरिका के समर्थन विशेषकर धार्मिक स्वतंत्रता और तिब्बती विरासत संरक्षण को लेकर चीन को नए राजनीतिक दबाव में ला रहा है।
यह समग्र खबर दर्शाती है कि दलाई लामा की जन्मदिन बधाई केवल व्यक्तिगत सम्मान नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति, धार्मिक स्वतंत्रता, और भारत–चीन–अमेरिका संबंधों के गहरे संकेत लिए हुए थी।