
जब तक पूरा मुआवजा ब्याज सहित नहीं मिलता, कोई कार्य शुरू नहीं होगा।” मेवात के किसान अब केवल मुआवजे की मांग नहीं कर रहे, वे अपना सम्मान और हक़ मांग रहे हैं। भारी पुलिस बल, प्रशासनिक दबाव और मुकदमों की धमकियां भी उनके इरादों को डिगा नहीं सकीं। यह आंदोलन अगर जल्द नहीं सुलझा, तो यह हरियाणा के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी भड़क सकता है और एक बड़े किसान आंदोलन का रूप ले सकता है।
Hightlights
जब तक पूरा मुआवजा ब्याज सहित नहीं मिलता, कोई कार्य शुरू नहीं होगा।”
“यह पुलिस बल हमें डराने नहीं आया, बल्कि खुद डर कर शाम को लौट जाता है।”
“मुख्यमंत्री किसानों के हितैषी हैं, लेकिन कुछ अधिकारी उन्हें सच्चाई से दूर रखे हुए हैं।”
“यह सिर्फ आंदोलन नहीं, किसानों का हक़ है, और हम इसे लेकर रहेंगे।”
कहते है मेरे खेत की मिटटी से पलता है तेरे शहर का पेट , मेरा नादान गांव अभी भी उलझा है किश्तों में
आईएमटी सोहना में रोज रोज पुलिस सुरक्षा बालों में इजाफ़ा किया जा रहा है अब समझ ये नहीं आता की किसान पुलिस से दरी है या पुलिस किसान से देखिये किसानो की संख्या वही है लेकिन पुलिस बल में इजाफ़ा होता जा रहा है अपने मुआबजे की मांग को लेकर किसान डंटे हुए है और हटने का नाम नहीं ले रहे है जब की पुलिस उनको रोकने में लगी है ताकि वो आगे न जाएं। ..ये एक ऐसा देश है भारत जहां जय जवान जय किसान के नारे लगाए जाते है किसानो की जरूरत हर किसी को है लेकिन उसके जरूरत का ख्याल किसी को नहीं है आज धुप ,बारिश ,ठंडी ,लगभग 16 महीने से किसान अपने मुआबजे की बात कर रहें है लेकिन सरकार के कण पर जूं तक नहीं रेंग रहा है किसान रोज धरना देते है लेकिन अब तो जैसे उनको ये आदत ही हो गई है की आना है धरना देना है और चले जाना है हालाँकि ये बात भी सच है की इतनी बड़ी पुलिस बल होने के बाद भी किसानो के हौसले टूटे नहीं है बल्कि और ज्यादा हो गए है दौरान किसान नेता रवि आज़ाद ने ऐलान कर दिया की ना झुकेंगे और ना ही हटेंगे प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हरियाणा के जाने-माने किसान नेता रवि आज़ाद पिछले तीन दिनों से साथियों सहित सड़क पर ही रात गुजार रहे हैं। दिन में वे प्रशासन और सरकार को खुलकर घेरते हुए आंदोलन को धार दे रहे हैं। इस दौरान कुछ ऐसे बिंदु है जिनपर रवि आजाद ने जमकर आवाज उठाई है उन्होंने कहा “
जब तक पूरा मुआवजा ब्याज सहित नहीं मिलता, कोई कार्य शुरू नहीं होगा।”
“यह पुलिस बल हमें डराने नहीं आया, बल्कि खुद डर कर शाम को लौट जाता है।”
“मुख्यमंत्री किसानों के हितैषी हैं, लेकिन कुछ अधिकारी उन्हें सच्चाई से दूर रखे हुए हैं।”
“यह सिर्फ आंदोलन नहीं, किसानों का हक़ है, और हम इसे लेकर रहेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि अब आंदोलन को मजबूत करने के लिए हरियाणा, पंजाब और कोलकाता से बड़े किसान नेता बुलाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में एक महापंचायत का आयोजन होगा।
आईएमटी में काम शुरू नहीं हो रहा है पुरे सही तरीके से हालांकि पुलिस बल रोज इसी उद्द्देश्य से आते है की आज रोज देंगे लेकिन किसानो के हौसले उनसे ज्यादा बुलंद है इसलिए वो इतनी बड़ी तादात मेजन होने के बाद भी कुछ थोड़ नहीं कर पर रहे है
चलिए इस पर भी नजर डालते है की किसानो की प्रमुख मांगे क्या है
अधिग्रहित भूमि के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा ब्याज सहित तुरंत दिया जाए।
किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य बिना समझौते के शुरू न किया जाए।
किसानों पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं।
सीधे मुख्यमंत्री से बातचीत की जाए।
जिन अधिकारियों ने गलत रिपोर्टिंग की, उन पर कार्रवाई की जाए।
ये संघर्ष मुआवजे से आगे ‘सम्मान और अधिकार’ का भी है
मेवात के किसान अब केवल मुआवजे की मांग नहीं कर रहे, वे अपना सम्मान और हक़ मांग रहे हैं। भारी पुलिस बल, प्रशासनिक दबाव और मुकदमों की धमकियां भी उनके इरादों को डिगा नहीं सकीं।
यह आंदोलन अगर जल्द नहीं सुलझा, तो यह हरियाणा के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी भड़क सकता है और एक बड़े किसान आंदोलन का रूप ले सकता है
भगवान का सौदा करता है इंसान की कीमत क्या जाने
जो धान की किमत दे न सका , वो जान की किमत क्या जाने
ये कहावत बिलकुल सही है उनलोगों के लिए जो इस वक्त किसानो का हक़ मारने के लिए पूरा दम लगा रहें है