
मनभेदों को ख़त्म करने के लिए सदैव प्रयासरत रहते है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ और न्यूयार्क स्टेट काउंटी द्वारा जैन आचार्य लोकेशजी का अभूतपूर्व सम्मान
यह मेरा नहीं, भारतीय संस्कृति व भगवान महावीर के सिद्धांतों का सम्मान है- आचार्य लोकेश
नई दिल्ली/ न्यूयार्क 9 जुलाई, विश्व शांति केंद्र एवं अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैन आचार्य लोकेशजी को वैश्विक स्तर पर अहिंसा, शांति, सद्भावना की स्थापना एवं मानवतावादी कार्यों के लिए न्यूयार्क में आयोजित विशेष समारोह में संयुक्त राष्ट्रसंघ और न्यूयार्क स्टेट काउंटी द्वारा सम्मानित किया गया। आचार्य लोकेशजी को यह सम्मान वैश्विक सांस्कृतिक व मानवीय मूल्यों के उत्थान तथा विश्व शांति व सद्भावना के संवर्धन व संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया। इस अवसर पर आचार्य लोकेशजी को प्रशस्ति पत्र सम्मान चिन्ह और शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
विश्व शांति व सद्भावना के लिए आवश्यक है सभी धर्म, वर्ग और सम्प्रदाय के लिए एक साथ सौहार्द भाव से काम करे |
अहिंसा विश्व भारती व विश्व शांति केंद्र के संस्थापक प्रख्यात जैन आचार्य लोकेश ने सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं है, यह सम्पूर्ण प्राचीन भारतीय संस्कृति का सम्मान है, यह भगवान महावीर और उनके द्वारा बताए गए विचारों का सम्मान है, यह भारत के वसुधेव कुटुंबम संदेश की भावना का सम्मान है
इस अवसर पर शांतिदूत आचार्य डॉ लोकेशजी ने कहा कि भारतीय संस्कृति बहुलतावादी संस्कृति है| अनेकता में एकता उसकी मौलिक विशेषता है| सर्वधर्म सद्भाव इसका मूल मंत्र है| उन्होने कहा कि विश्व शांति व सद्भावना के लिए आवश्यक है सभी धर्म, वर्ग और सम्प्रदाय के लिए एक साथ सौहार्द भाव से काम करे | समाज के विकास में धार्मिक आड़े नहीं आना चाहिए, इसके लिए जरुरी है कि धर्मगुरु अपने अनुयायियों को बताये कि धर्म ने सदैव सद्भाव से एकसाथ रहना सिखाया है, सभी धर्म विकास का रास्ता प्रशस्त करते है | सभी धर्म और सम्प्रदाय मानवता की शिक्षा देते है, धर्म विकास का विरोधी नहीं, विकास जब अध्यात्म की नींव आधारित होता है तो वरदान बन जाता है | धर्म के क्षेत्र में हिंसा, घृणा और नफरत का कोई स्थान नहीं हो सकता| संवाद के द्वारा, वार्ता के द्वारा हर समस्या को बैठ कर सुलझाया जा सकता है| उसके लिए सबसे पहले जरूरी है, हम अपने अस्तित्व की तरह दूसरों के अस्तित्व का, विचारों का सम्मान करना सीखें| मतभेद हो सकते है किन्तु उसे मनभेद में न बदलें।
मनभेदों को ख़त्म करने के लिए सदैव प्रयासरत रहते है।
न्यूयार्क स्टेट काउंटी के कार्यकारी निदेशक ब्रुशी ए ब्लेकमैन, संयुक्त राष्ट्रसंघ में गूएना के अम्बेसङर, अंतरराष्ट्रीय चेयरमैन बाबी, ने कहा कि आचार्य लोकेश ने विश्व शांति, सद्भावना स्थापना एवं अंतर धार्मिक संवाद के क्षेत्र में मिसाल कायम की है। विश्व जनमानस के लिए वो एक आशा की किरण है जो विश्व के आतंकवाद, हिंसा और मनभेदों को ख़त्म करने के लिए सदैव प्रयासरत रहते है।
इस अवसर पर अहिंसा विश्व भारती फाउंडेशन यूएसए के श्री करमजीत सिंह धालीवाल, श्री हरी सिंह, डॉ राज भयानी, मुकेश मोदी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आचार्य लोकेश मानवता के मसीहा है जो सदैव किसी भी देश की सीमा रेखाओं से परे मनवतावादी कार्यों के लिए तत्पर हैं।