
चिराग पासवान
Hightlights
क्या गुल खिलाएंगे चिराग इस बार बिहार में
चिराग पासवान के रडार पर नितीश कुमार
भाजपा के गढ़ में चिराग पासवान का भाषण
243 सीटों पर पीएम मोदी के हनुमान की नजर
इस वक्त ना पटेंगे और ना हटेंगे के मूड में चिराग पासवान नजर आ रहे हैं और बिहार में अपना दमखम दिखाने का एक मौका भी नहीं छोड़ना चाहते हैं लेकिन इसी दौरान लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रडार पर लेना साफ तौर पर यह दिखा रहा है कि इस बार चिराग पासवान किसी और मूड में है। देखिए एक तरफ चिराग पासवान मुख्यमंत्री को लेकर बहुत सारी बातें बोल रहे हैं जैसे की नीतीश कुमार के ही गृह जिले नालंदा में मर्डर केस और रेप जैसे संगीत मामले सामने आए जिसको लेकर चिराग पासवान उनको अभी तक रडार पर लिए हुए हैं दूसरी तरफ देखा जाए तो बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 60 से 70 सीटों पर लोग जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान दावा कर रहे हैं अब ऐसे में कभी 60 तो कभी 40 सीटों पर भी दावा ठोक रहे हैं कहा यह भी जा रहा है कि 33 से 35 सीट भी मिली तो लोग जनशक्ति पार्टी रामविलास चिराग पासवान मान जाएंगे अब देखिए यहां पर मुश्किल यह हो गई है कि चिराग की पार्टी को 30 सीटें भी किस बेस पर मिलेगी ? क्योंकि पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में एलजेपीआर यानी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास को अपने कोटे की सभी पांच सीटों पर जीत मिली थी लेकिन विधानसभा में पार्टी का प्रतिनिधित्व जीरो है ऐसे में चिराग पासवान भी शायद यह समझ ही रहे हैं की सम्मानजनक संख्या में सीट पानी है तो प्रेशर पॉलिटिक्स के अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प अब सामने नहीं है अब देखिए एनडीए के साथ भी एनडीए के खिलाफ भी रुख जो अपनाया हुआ है चिराग पासवान का यह दोहरा रवैया बहुत कुछ बयां कर रहा है आपको बताते चले चिराग ने आरा से यह ऐलान भी कर दिया कि वह बिहार चुनाव लड़ेंगे और सारण में सभी सीटों पर लड़ने की बात फिर से दोहराई उन्होंने बीजेपी का मजबूत गढ़ माने जाने वाली जगह पर जाकर बयान बाजी चिराग पासवान कर रहे हैं ऐसे में सवाल यही उठता है कि आखिर उनके दिमाग में चल क्या रहा है क्या करना चाहते हैं वह सारे उन गढ़ों में जा रहे हैं जिसको बीजेपी का हब माना जाता है लेकिन अपनी पार्टी का परफॉर्मेंस उनका जीरो है ऐसे में सवाल यह उठता है कि चिराग पासवान आखिर क्या चाहते हैं उनके पीछे सीट शेयरिंग के मेज पर बारगेनिंग पावर एक वजह तो है ही भविष्य का सियासी प्लान भी तैयार हो रहा है ऐसे में ना पटेंगे ना हटेंगे वाली नीति में चिराग पासवान देखते हैं बिहार के सियासत में अब कौन सा नया गुल खिलाते हैं चिराग पासवान बीजेपी की अगवाई वाली केंद्र सरकार में खुद मंत्री हैं 2020 के चुनाव में वह एनडीए से किनारा कर अकेले चुनाव मैदान में उतरे तब भी बीजेपी के खिलाफ कुछ भी बोलने से परहेज किया उन्होंने और खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताते रहे उनके लिए आसान टारगेट जदयू ही है चिराग बार-बार 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात दोहरा रहे हैं तो उसके पीछे फिर जदयू पर दबाव बनाने की रणनीति को प्रमुख वजह माना जा रहा है क्योंकि पिछले चुनाव में चिराग की पार्टी ने जदयू को 33 सीटों पर नुकसान पहुंचा था एक वजह यह भी है कि लोग जनशक्ति पार्टी रामविलास कई ऐसी सीटों पर भी दावेदारी कर रही है जहां पिछली बार उसके उम्मीदवार दूसरे स्थान पर थे और जीत जदयू के हिस्से आई थी