
नगर निगम नहीं है तो “नरक निगम” बनता जा रहा है
गुरुग्राम मानेसर 15 जुलाई।
हरियाणा प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र मानेसर आईएमटी में सफाई व्यवस्था राम भरोसे है जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं और गांव के गंदे पानी की बात की जाए मानेसर गांव का गंदा पानी नालियों की बजाय गलियों में भरा हुआ है जिससे स्कूली छोटे-छोटे बच्चे गंदे पानी से निकलने पर मजबूर हो रहे हैं लेकिन नगर निगम मानेसर की ओर से सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गांव के नंबरदार सुखे उर्फ सुखबीर का कहना है जब से नगर निगम का गठन हुआ है इस गांव में गंदगी के ढेर लगे रहते हैं महिलाएं स्कूली बच्चे गंदे पानी से निकाल कर स्कूल जाते हैं इस गांव के नंबरदार नहीं है भी जानकारी दी की नगर निगम की ओर से जो सफाई एजेंसी रखी हुई है वह भी लापरवाह है सफाई के नाम पर नगर निगम करोड़ों रुपए खर्च करता है लेकिन सफाई एजेंसी ईश्वर ध्यान नहीं देती सिर्फ अधिकारी और नेताओं को खुश करने में लगी रहती है।
इसी गांव के संदीप यादव का कहना है कि गांव की हालत बहुत बुरी है गांव में अकेला व्यक्ति रात्रि के समय नहीं निकल सकता हालात इतनी दयनीय बनी हुई है की हर रोज स्कूली बच्चे इस गंदे पानी में गिरता रहते हैं । यादव का कहना है इससे बढ़िया तो पंचायत ही थी पंचायत कम से कम गांव की सफाई व्यवस्था पर ध्यान रखती थी उसे समय गांव में नालियों का गंदा पानी गलियों में नहीं भरता था मगर नगर निगम जब से आया है हालात बड़ी खराब है।
पूर्व सैनिक रमेश यादव ने जानकारी देते हुए कहा की सफाई के नाम पर करोड़ों अरबो रुपए नगर निगम खर्च कर चुकी है लेकिन इसके बावजूद भी सफाई नहीं है गलियों में कूड़े के ढेर लगे हैं हुए हैं सफाई कर्मचारी कभी आते हैं तो कभी नहीं आते हैं और बरसात का समय चल रहा है बरसात के पानी के साथ-साथ घरों का गंदा पानी भी गलियों में जोड़ का रूप धारण किए हुए हैं कहने को तो मानेसर नगर निगम है मगर असलियत यह है निगम की ओर से लीपापोती होती रहती है धरातल पर सफाई व्यवस्था नहीं है।
रमेश यादव ने जानकारी देते हुए कहा आज हालात मानेसर गांव की ही खराब नहीं है मानेसर नगर निगम के अंतर्गत आने वाले सभी गांव की हालत बहुत खराब है ग्रामीण धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं लेकिन नगर निगम के कर्मचारी अधिकारी इतने लापरवाह है कि गांव में झांक कर भी नहीं देखते और सफाई कर्मचारी मनमर्जी करते हैं।
मानेसर गांव के निवासी देवेंद्र सिंह ने कहा की हरियाणा सरकार को यह देखना चाहिए था कि एक जिले में दो नगर निगम कैसे बन सकते हैं और उनको चलाने के लिए सरकार की तरफ से पूरी व्यवस्था होनी चाहिए थी लेकिन जल्दबाजी में एक जिले में दो नगर निगम बना दिए गए लेकिन हालात बहुत बुरी है हर गांव में गांव की गलियों का पानी लबला भरा हुआ है सरकार को प्रशासनिक अधिकारियों को कुछ दिखाई नहीं देता आखिरकार ग्रामीण ही रो पीट कर सरकार को कोसते हुए रहते हैं। मगर सरकार पर और प्रशासनिक अधिकारियों पर ग्रामीणों का रोना पीटने का कहीं भी असर दिखाई नहीं पड़ता।
सभी ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा की नगर निगम नहीं है तो “नरक निगम” बनता जा रहा है हर गांव में कूड़े के ढेर सड़कों पर बरसात का पानी और गांव की गलियों में गंदा पानी भरा हुआ है।
सभी ग्रामीणों ने कहा जिस समय सरकार की ओर से नगर निगम मानेसर का गठन किया जा रहा था उसे समय आसपास के लोगों में खुशी की लहर थी कि आप ग्रामीण क्षेत्रों में नगर निगम के अंतर्गत आने वाले गांव में विकास कार्य किए जाएंगे लेकिन यहां तो विकास कार्यों की वजह उल्टा हो रहा है