
बिहार में वोटर वेरिफिकेशन के दौरान चौंकाने वाला खुलासा, 35 लाख से ज्यादा नाम वोटर लिस्ट से हटने की संभावना ?
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बिहार में वोटर वेरिफिकेशन के नाम पर घमासान
35 लाख से ज्यादा नाम वोटर लिस्ट से हटने की संभावना
बिहार में वोटर वेरिफिकेशन के दौरान चौंकाने वाला खुलासा
EC की ओर से राज्य भर में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण
चुनाव आयोग ने लोगों की पूरी पारदर्शिता का भरोसा दिया है
पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन अभियान ने बड़ा खुलासा किया है। राज्य में करीब 35 लाख 69 हजार मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाने की प्रक्रिया में हैं। यह प्रक्रिया चुनाव आयोग द्वारा 24 जून 2025 से शुरू की गई थी और अब इस अभियान को समाप्त होने में मात्र 11 दिन बचे हैं। चुनाव आयोग की ओर से राज्य भर में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण और सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत अब तक 7.90 करोड़ कुल मतदाताओं में से 6 करोड़ 60 लाख 67 हजार 208 मतदाताओं ने अपने गणना पत्र (यानि फॉर्म 6, 6A, 7 और 8) जमा कराए हैं। यह संख्या कुल मतदाताओं का करीब 88 प्रतिशत है। अब सवाल ये है की आखिर नाम कटे क्यों जा रहे है दरअसल वोटर वेरिफिकेशन के दौरान जो नाम दोहराए गए, मृत पाए गए, स्थानांतरण की स्थिति में हैं या फिर लंबे समय से निष्क्रिय हैं, उन्हें हटाने की सिफारिश की जा रही है। आयोग का उद्देश्य है कि चुनाव से पहले एक साफ-सुथरी और त्रुटिरहित वोटर लिस्ट तैयार की जा सके। लेकिन अभी भी बचे हुए मतदाताओं के पास मौका है। ….अभी भी करीब 1 करोड़ 30 लाख से अधिक मतदाता ऐसे हैं जिन्होंने अब तक अपने दस्तावेज़ या फॉर्म नहीं जमा कराए हैं। ऐसे लोगों को लेकर आयोग ने अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपने विवरण जमा कराएं, ताकि उनका नाम मतदाता सूची में सुरक्षित रह सके। अब आप भी सोच रहे होंगे की ये अभियान कब तक चलेगा तो आपको बता दें की यह सत्यापन अभियान 24 जुलाई 2025 तक चलेगा। इसके बाद आयोग मतदाता सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू करेगा। जिन मतदाताओं का नाम गलती से हट सकता है, उन्हें बाद में फिर से फॉर्म 6 के माध्यम से पुनः नाम जुड़वाने का अवसर दिया जाएगा। अब ऐसे में रजनीतिक हलचल तेज है कयास लगाए जा रहे है वोटर वेरिफिकेशन में हो रही इस बड़ी कटौती को लेकर अब राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है। कई विपक्षी दलों ने आशंका जताई है कि कहीं यह प्रक्रिया कुछ खास वर्गों को सूची से बाहर करने का माध्यम तो नहीं बन रही है। हालांकि चुनाव आयोग ने पूरी पारदर्शिता का भरोसा दिया है और कहा है कि सभी नाम उचित प्रक्रिया के तहत ही हटाए जा रहे हैं। इस दौरान चुनाव आयोग ने भी लोगन से अपील की है की वे अपने नजदीकी मतदान केंद्र या BLO (Booth Level Officer) से संपर्क कर अपने नाम, पता, उम्र, और अन्य विवरण की पुष्टि कर लें। यदि किसी प्रकार की गलती पाई जाती है तो ऑनलाइन पोर्टल (www.nvsp.in) या संबंधित कार्यालय में सुधार का अनुरोध किया जा सकता है।
बिहार में चल रही वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और इसमें बड़ी संख्या में नामों का हटना लोकतांत्रिक प्रक्रिया की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी की ओर इशारा करता है। आयोग की सख्ती और पारदर्शिता भविष्य के निष्पक्ष चुनाव की नींव तैयार कर रही है, लेकिन आम जनता को भी इसमें सक्रिय भागीदारी निभानी होगी ताकि किसी भी वैध मतदाता का नाम अनजाने में न कटे।