
मुख्य मंत्री कष्ट निवारण समिति की मीटिंग में केवल उन्हीं छोटी-छोटी शिकायतों को रखा
मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद 8 साल तक नहीं हो रही कार्यवाही
26 अक्टूबर 2018 को शिकायत के बाद 3 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री कार्यालय ने शिकायत पर सत्रहवीं बार जारी किया रिमाइंडर
गुरुग्राम, 16 जुलाई – 26 अक्टूबर 2018 को अधिकार सेनानी आरटीआई कार्यकर्ता रमेश यादव ने मुख्यमंत्री महोदय की 31 मार्च 2018 की कष्ट निवारण समिति की बैठक में दिए हुए आदेशों पर गलत रिपोर्ट करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होने के बारे में शिकायत CM Window शिकायत संख्या 129661 की थी! जिसमें चौमा गांव मे नगर निगम की सैकड़ो करोड रुपए की जमीन भू माफ़ीया और नगर निगम अधिकारियों की मिलीभगत से हड़पने पर मामले में मुख्यमंत्री महोदय ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे !
शिकायत लगभग 8 साल तक विभिन्न अधिकारियों के पास घूमती रही जिसमें मुख्यमंत्री कार्यालय से भी बार-बार रिमाइंडर भेज कर कार्यवाही की जानकारी अपलोड करने के निर्देश देते रहे ! जिसमें आखिरी बार 4 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री कार्यालय ने बार-बार रिमाइंडर भेजना पर भी कोई कार्रवाई नहीं होने के बारे में तथा कार्यवाही की रिपोर्ट अपलोड करने के बारे में लिखा
मुख्य मंत्री कष्ट निवारण समिति की मीटिंग में केवल उन्हीं छोटी-छोटी शिकायतों को रखा
लेकिन वही ढाक के तीन पात. अभी तक किसी भी अधिकारी कि यह हिम्मत नहीं हो पा रही की माननीय मुख्यमंत्री महोदय के आदेशों के बावजूद निगम की करोड़ों रुपए की जमीन हड़पने के मामले में गलत रिपोर्ट बनाने व जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही कर सके!
आरटीआई कार्यकर्ता रमेश यादव का कहना है की मुख्य मंत्री कष्ट निवारण समिति की मीटिंग में केवल उन्हीं छोटी-छोटी शिकायतों को रखा जाता है जिनका समाधान बहुत आसान होता है और अधिकारी शिकायतों को जान पूछ कर अटकाए रखते हैं ताकि मुख्यमंत्री कष्ट निवारण समिति की बैठक में शिकायतों का समाधान कर वाह वाहई लूटी जा सके! जो शिकायतें अधिकारियों के खिलाफ हेरा फेरी या भ्रष्टाचार की होती है उन्हें कष्ट निवारण समिति की बैठक में रखा ही नहीं जाता है और ना ही कष्ट निवारण समिति की बैठक में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आदेशों पर कार्रवाई की जाती हैं!