
राज ठाकरे ने दी निशिकांत दुबे को जान से मरने की हमकी ?
नहीं थम रहा महाराष्ट्र में हिंदी भाषा पर विवाद
आरोप प्रत्यारोप और भाषा पर राजनीति तेज
मैं किसी की धमकियों से डरने वाला नहीं हूं बीजेपी सांसद
मराठी पर हमला किया तो समंदर में डुबाकर मारा जाएगा
अब तक तो आपको समझ में आ गया होगा की मैं किसकी बात कर रहीं हूँ एक ऐसी भाषा जिसका विरोध लगातर महाराष्ट्र में देखा जा रहा है। और ऐसा नहीं नहीं की प्रेम है मराठी से बल्कि इसलिए क्योंकि वोट है मराठी का। इसलिए वहां हिंदी को तवज्जो नहीं दी जा रही है
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने एक रैली के दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को खुलेआम चुनौती दी उन्होंने कहा “मुंबई किसी के बाप की नहीं है, और ना ही मराठी मानुष को कमजोर समझा जाए। जो भी मराठी लोगों के खिलाफ बोलेगा, उसे समंदर में डुबो के मरूंगा
उन्होंने आगे कहा कि बाहरी लोग आकर मराठी अस्मिता को चुनौती दे रहे हैं और यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान राज ठाकरे का यह तीखा बयान निशिकांत दुबे की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने मराठी अस्मिता पर सवाल उठाए थे जिसमे बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है “मुंबई पूरे देश की है। किसी की बपौती नहीं है। देश के हर नागरिक को वहां जाने और काम करने का अधिकार है। राज ठाकरे की धमकियों से डरने वाला नहीं हूं
इस दौरान उन्होंने राज ठाकरे को बिहार बुला लिया इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। शिवसेना नेता शायना एनसी ने दोनों नेताओं की जुबानी जंग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “राजनीति में मर्यादा होनी चाहिए। ऐसे बयान नफरत फैलाते हैं, न कि समाधान देते हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि क्षेत्रीयता और जातीयता के नाम पर लोगों को भड़काना देशहित में नहीं है। यह विवाद ऐसे समय में भड़का है जब महाराष्ट्र में आगामी चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। अब देखना होगा कि राज ठाकरे के इस बयान का चुनावी समीकरणों पर क्या असर पड़ता है।