
इतिहास में 19 जुलाई: जब देश की आर्थिक दिशा बदल गई – इंदिरा गांधी ने किए थे 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण
भारत के इतिहास में 19 जुलाई एक बेहद अहम तारीख मानी जाती है। यह वही दिन है जब देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऐसा फैसला लिया था, जिसने भारत की बैंकिंग व्यवस्था की तस्वीर ही बदल दी।
1969: 14 निजी बैंकों का हुआ राष्ट्रीयकरण
19 जुलाई 1969 को इंदिरा गांधी सरकार ने देश के 14 प्रमुख निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया। इन बैंकों में सार्वजनिक हिस्सेदारी शून्य थी और इन पर केवल बड़े औद्योगिक घरानों का वर्चस्व था। सरकार ने जब इन बैंकों को ‘राष्ट्रीय संपत्ति’ घोषित किया, तो इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर व्यापक रूप से पड़ा।
- राष्ट्रीयकृत किए गए प्रमुख बैंक:
- पंजाब नेशनल बैंक
- बैंक ऑफ इंडिया
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
- इंडियन बैंक
और भी बैंक शामिल हैं
इस प्रक्रिया का दूसरा दौर 1980 में आया, जब इंदिरा गांधी ने फिर से प्रधानमंत्री रहते हुए 7 और बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। इसके साथ ही देश में सरकारी बैंकों का वर्चस्व और भी मजबूत हुआ। वैसे तो हर दिन अपने आप में एक नया इतिहास रचती है हिंदुस्तान का हर दिन एक नया इतिहास रचा है आज 19 जुलाई है आज का भी इतिहास कुछ ऐसा है जिसने देश में एक नया इतिहास लिखा आज 19 जुलाई है और आज के इतिहास पर हम बात करेंगे आपको बता दे कि देश की बैंकिंग इतिहास में 19 जुलाई को एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है दरअसल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 19 जुलाई 1969 को ही 14 ऐसी निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया था इन बैंकों पर अधिकतर बड़े औद्योगिक गानों का कब्जा हुआ करता था लेकिन राष्ट्रीयकरण करने के बाद पूरे देश का इस पर हक हो गया राष्ट्रीयकरण का दूसरा दौर 1980 में आया जिसके तहत सात और बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया देश दुनिया के इतिहास में 19 जुलाई की तारीख पर दर्ज यह अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिले बार पूरी जानकारी के साथ विस्तार से पेश है कहा जाता है कि 19 जुलाई 1969 को 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण इंदिरा गांधी द्वारा हुआ था इन बैंकों पर बड़े औद्योगिक लोगों का प्राइवेट कब्जा हुआ करता था
सवाल ये है की आखिर क्यों जरूरी था बैंकों का राष्ट्रीयकरण 1980 में दूसरा चरण – 7 और बैंक राष्ट्रीयकृत इस प्रक्रिया का दूसरा दौर 1980 में आया, जब इंदिरा गांधी ने फिर से प्रधानमंत्री रहते हुए 7 और बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। इसके साथ ही देश में सरकारी बैंकों का वर्चस्व और भी मजबूत हुआ
बैंकों की पहुँच आम जनता तक नहीं थी।
ग्रामीण और गरीब तबके को ऋण सुविधा नहीं मिलती थी।
बैंकों का नियंत्रण कुछ अमीर घरानों के हाथ में था।
सरकार चाहती थी कि बैंकिंग का लाभ देश के हर नागरिक तक पहुँचे।
19 जुलाई 1969 का दिन भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ। बैंकों का राष्ट्रीयकरण न केवल आम जनता को बैंकिंग से जोड़ने का जरिया बना, बल्कि देश की आर्थिक नींव को भी मजबूत किया। यह वह कदम था, जिसने भारत को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक मोड़ दिया।