
पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि दुनिया की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला अरावली गुरुग्राम की धरती पर विस्तारित हैं। हमारी सभ्यता, संस्कृति व प्रगति सब पर्यावरण पर निर्भर रहती है।
– भूजल स्तर बढ़ोतरी में महती भूमिका निभाएगा मातृ वन अभियान, हरियाली को मिलेगा बढ़ावा
– पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने बताया आयोजन में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और मनोहर लाल करेंगे शिरकत
गुरुग्राम, 19 जुलाई।
हरियाणा के पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट के तहत जिला में 27 जुलाई को आयोजित होने वाले मातृ वन अभियान में जिला की सभी आरडब्ल्यूए सहित आस-पास के जिलों की सामाजिक, धार्मिक, शिक्षण व अन्य संस्थाओ से सक्रिय सहभागिता का आह्वन किया है। उन्होंने बताया कि इस विशेष अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव तथा केंद्रीय विद्युत, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे।
पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि यह अभियान अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट के तहत संचालित किया जाएगा, जिसमें तीन लेयर वाला हरित वन क्षेत्र विकसित किया जाएगा।
इस अभियान की प्रेरणा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “एक पेड़ मां के नाम” पहल से ली गई है। इस कड़ी में 27 जुलाई को शिव नादर स्कूल से घाटा चौक तक लगभग 20,000 पौधों का रोपण किया जाएगा, जिससे यह क्षेत्र “मातृ वन” के रूप में विकसित होगा। राव ने कहा कि दुनिया के नक्शे पर गुरुग्राम तीव्र गति से बढ़ता एक आधुनिकता शहर है, जिसमें विकास से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं के समानांतर हमें ग्रीन डेवलोपमेन्ट पर भी विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि यदि हम प्रकृति को उसके तरीके से धैर्यपूर्वक रूप में विकसित होने देंगे तो निश्चित रूप से मानव जाति को इसका सकारात्मक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि अरावली पर्वत श्रृंखला राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित आस-पास के क्षेत्र को सांस देने के साथ-साथ रेगिस्तान को भी बढ़ने से रोकती है। ऐसे में अरावली के संरक्षण को लेकर सामूहिक प्रयास में हम सभी को अपना योगदान करना चाहिए।
भूजल स्तर बढ़ोतरी में महती भूमिका निभाएगा मातृ वन अभियान, हरियाली को मिलेगा बढ़ावा
पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि दुनिया की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला अरावली गुरुग्राम की धरती पर विस्तारित हैं। हमारी सभ्यता, संस्कृति व प्रगति सब पर्यावरण पर निर्भर रहती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन मे जन्म से लेकर मृत्यु तक पेड़ों का सदैव महत्व बना रहता है। ऐसे में जीवन के महत्वपूर्ण अवसरों पर हमें पौधरोपण व बाद में उनकी देखभाल अवश्य करनी चाहिए। जल संचयन में पेड़-पौधों की अहम भूमिका होती है। पेड़-पौधों के बिना पानी को नहीं बचाया जा सकता। वर्तमान समय में बढ़ते शहरीकरण के चलते जल का संचयन करना आवश्यक हो गया है। सभी को इस दिशा में आगे आना होगा। ऐसा करने से ही जल संकट का समाधान हो सकता है। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि जहां भी संभव है लोग पौधे लगाएं और उसे संरक्षित करें।