
मुख्य न्यायाधीश शील नागू ने दिलाई पद और गोपनीयता की शपथ, समारोह में मुख्यमंत्री, राज्यपाल सहित कई गणमान्य अतिथि हुए शामिल
चंडीगढ़, 21 जुलाई 2025:
हरियाणा को आज उसका नया संवैधानिक प्रमुख मिल गया। प्रतिष्ठित शिक्षाविद् प्रोफेसर अशीम कुमार घोष ने सोमवार को हरियाणा के 26वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। उन्हें यह शपथ पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, माननीय श्री शील नागू द्वारा राजभवन, चंडीगढ़ में आयोजित एक भव्य और गरिमामयी समारोह में दिलाई गई।
उपस्थित रहे देश-राज्य के शीर्ष नेता
इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंदर कल्याण, सहित हरियाणा सरकार के कई कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
राज्यपाल के रूप में शपथ लेने के बाद प्रो. घोष ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे हरियाणा के समग्र विकास, सुशासन, शिक्षा और सामाजिक समरसता को प्राथमिकता देंगे।
🌟 प्रो. अशीम कुमार घोष का संक्षिप्त परिचय
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नाम: प्रोफेसर अशीम कुमार घोष
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जन्म: पश्चिम बंगाल
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शिक्षा: भौतिक रसायन और पर्यावरण विज्ञान में पीएचडी
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अकादमिक करियर:
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देश-विदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शोध और अध्यापन
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पर्यावरण नीति, स्वच्छ ऊर्जा, जल संरक्षण एवं सतत विकास जैसे विषयों पर कार्य
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भारत सरकार के कई वैज्ञानिक समितियों और सलाहकार बोर्डों में सदस्यता
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विशेषज्ञता: विज्ञान, अनुसंधान, शिक्षानीति, और गवर्नेंस में नवाचार
प्रो. घोष को भारत और विदेशों में कई सम्मान और पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। वे एक ऐसे शिक्षाविद् हैं जिनकी पहचान उनकी नैतिकता, ईमानदारी और नीतिगत स्पष्टता के लिए की जाती है।
✅ हरियाणा में आशाएं और अपेक्षाएं
प्रो. घोष के राज्यपाल पद पर आसीन होने से शिक्षा, अनुसंधान और नीति-निर्माण में नया दृष्टिकोण लाने की उम्मीद जताई जा रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने संदेश में कहा प्रो. घोष जैसे विद्वान का हरियाणा की संवैधानिक बागडोर संभालना राज्य के लिए गौरव की बात है। हम उनके अनुभव से लाभान्वित होंगे।”
राजनीतिक हलकों में भी यह नियुक्ति एक ‘गैर-राजनीतिक, शिक्षाविद आधारित विकल्प’ के रूप में देखी जा रही है, जो केंद्र सरकार की नई प्राथमिकताओं को दर्शाती है।
📌 महत्वपूर्ण बिंदु:
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प्रो. घोष गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि से आने वाले राज्यपाल हैं।
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शिक्षा, पर्यावरण और नीति-निर्माण के क्षेत्र में उनका अनुभव अभूतपूर्व है।
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यह नियुक्ति प्रधानमंत्री कार्यालय की उस नीति के अनुरूप है, जिसमें राज्यों के संवैधानिक पदों पर विवेकशील और विद्वान व्यक्तियों की तैनाती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
नवीन अध्याय की शुरुआत
प्रो. अशीम कुमार घोष के राज्यपाल बनने के साथ ही हरियाणा में एक नए विचारशील नेतृत्व की शुरुआत मानी जा रही है। राज्य की जनता और प्रशासन को उम्मीद है कि उनका अनुभव और दृष्टिकोण प्रदेश को नई दिशा देगा।