
दिल्ली एनसीआर में रियल स्टेट कंपनियों पर ईडी की नजर बनी हुई है जिससे कई बिल्डरों में हड़काम मचा हुआ है
गुरुग्राम 22 जुलाई।
दिल्ली एनसीआर में रियल स्टेट कंपनियों पर ईडी की नजर बनी हुई है जिससे कई बिल्डरों में हड़काम मचा हुआ है तो कुछ बिल्डर सेटिंग करने में लगे हैं तो कुछ बिल्डर देश छोड़कर जाने की तैयारी में बताए जाते हैं क्योंकि घर खरीदने वालों से धोखाधड़ी कर करोड़ों अरबो रुपए डकार चुके हैं।
ईडी और सीबीआई को लगातार ऐसे बिल्डरों की शिकायत मिल रही है जिन्होंने घर खरीदने वालों के साथ धोखा किया है और उनके जीवन भर की कमाई को उड़ा दिया है हम बात कर रहे हैं रियल स्टेट कंपनी रामप्रस्था ग्रुप की और जिन बिल्डरों के ठिकानों पर ईडी छापेमारी कर चुकी है।
एक बिल्डर तो अभी भी कुछ दिन पहले गिरफ्तार कर जेल की सलाखों में भेजा हुआ है और उसे बिल्डर पर करोड़ अरबो रुपए घर देने के नाम पर डकार ने के आरोप है। ईडी और सीबीआई लगातार उन बिल्डरों पर भी नजर बनाए हुए हैं जिनकी लगातार शिकायतें जा रही है भूमि किसी और की है पैसा कोई और इकट्ठा कर रहा है और लाइसेंस किसी और के नाम है इस प्रकार का खेल गुरुग्राम में काफी वर्षों से चल रहा है मगर अब सीबीआई और ईडी उन बिल्डरों पर शिकंजा कश्ती जा रही है जिन बिल्डरों ने घर खरीदने वाले लोगों के साथ धोखा किया है फर्जीवाड़ा किया है और भगाने के फिराक में है ऐसे कई बिल्डरों को तो ईडी द्वारा छापेमारी कर विदेश भागने वाले को रोका हुआ है। जिससे लोगों के करोड़ अरब रुपए लेकर ने भाग सके।
वही ईडी ने दिल्ली एनसीआर की रियल स्टेट कंपनी रामप्रस्थ ग्रुप के दो डायरेक्टर संदीप यादव और अरविंद वालिया को घर खरीददारों के साथ धोखाधड़ी मामले में ई डी ने गिरफ्तार कर लिया है जिससे बिल्डरों में अब हड़कंप मचा हुआ है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार रामप्रस्थ ग्रुप ने करीब 2000 घर खरीदारों से 1100 करोड रुपए की धोखाधड़ी की है जो एक गंभीर मामला है ई डी की जांच में सामने आया है रामप्रस्था प्रमोटर्स एंड एंड डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड आरपीडीपीएल और इसकी समूह कंपनियों ने प्रोजेक्ट के साथ अन्य कंपनियां के मार्फत लोगों के साथ बहुत बड़ी धोखाधड़ी की है जिस बिल्डर के खिलाफ घर खरीदने वालों में भी भारी रोष है। ईडी ने घर खरीदारों से 11 सौ करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने मामले में रामप्रस्था बिल्डर के दो डायरेक्टर किए गिरफ्तार
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार कंपनी पर करीब दो हजार घर खरीदारों से 1100 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। ईडी की जांच में सामने आया है कि रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (आरपीडीपीएल) और इसकी समूह कंपनियों ने ‘प्रोजेक्ट एज, प्रोजेक्ट स्काईज, प्रोजेक्ट राइज और रामप्रस्थ सिटी (प्लाटेड कालोनी) जैसी परियोजनाओं के नाम पर लोगों से एडवांस पेमेंट ली और करीब दो दशक बीत जाने के बाद भी न तो फ्लैट बनकर तैयार हुए और न ही खरीदारों को प्लाट का कब्जा दिया गया।
इस मामले में ईडी ने 14 जुलाई को दिल्ली व गुरुग्राम में स्थित तीन प्रमुख ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी में महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रानिक सबूत जुटाए गए थे। संदीप यादव और अरविंद वालिया को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों पर खरीदारों से पैसे वसूलकर उनका गलत इस्तेमाल करने और वादे पूरे नही करने के गंभीर आरोप हैं। ईडी ने 11 जुलाई को आरपीडीपीएल और इसकी समूह कंपनियों की 681.54 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। कुर्क की गई संपत्तियों में गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, 92 और 95 में फैली दो बड़ी कालोनियां और बसई, गाड़ोली कलां, हयातपुर तथा वजीरपुर गांवों की करीब 1700 एकड़ जमीन शामिल है।