
बिहार विधानसभा में हंगामा: विपक्षी विधायकों ने फाड़ा बिल, विरोध के बीच पारित हुए कई विधेयक
पटना। बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को सदन में भारी हंगामा देखने को मिला। विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ आक्रोश जताते हुए विधेयकों की प्रतियां फाड़ दीं और उन्हें सदन में फेंक दिया। मुख्य मुद्दा कुछ विवादित विधेयकों को लेकर था, जिन पर विपक्ष की आपत्ति थी।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी के विधायक लगातार सरकार पर मनमानी का आरोप लगाते रहे। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने विधेयकों को परित करने की प्रक्रिया जारी रखी और कई अहम विधेयक बिना चर्चा के ही पास हो गए।
विपक्ष का आरोप था कि सरकार लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अनदेखी कर रही है और बिना पर्याप्त बहस के कानून बनाए जा रहे हैं। इसके विरोध में विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी की, वेल में आकर प्रदर्शन किया और अंततः बिल की प्रतियां फाड़कर फेंक दीं।
विधानसभा अध्यक्ष और सत्तारूढ़ दल के मंत्री विपक्ष से संयम बरतने की अपील करते रहे, लेकिन स्थिति नहीं सुधरी। अंत में अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
यह घटनाक्रम एक बार फिर बिहार की राजनीति में सत्ता और विपक्ष के बीच गहराते टकराव को उजागर करता है।
विपक्ष ने बुनियादी आरोप लगाया कि चुनाव से पहले SIR (Special Intensive Revision) के ज़रिए मतदाता सूची में दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यकों के वोटर नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं। 21–22 जुलाई को विपक्षी विधायक काले कपड़े पहनकर आए और हाथों में प्लेकार्ड लेकर जमकर नारेबाजी की। मंत्रियों ने इस प्रदर्शन को “सियासी शोर” करार दिया, लेकिन विपक्ष ने स्पीकर को बोलने तक नहीं दिया, वेल में पहुंचकर हंगामा किया
विपक्ष का प्रदर्शन उस समय चरम पर पहुंचा जब कुछ विधायकों ने विधेयकों की प्रतियां फाड़कर उन्हें सदन में फेंक दिया—यह ट्रेंड सोमवार–मंगलवार के दौरान पूरे सत्र में जारी रहा लेकिन इस दौरान हॉल में जब इतनी बवाल चल रही थी, सरकार ने विधेयकों को पेश करना और पास करवाना जारी रखा
- पारित विधेयक (हंगामे के बीच)
- धार्मिक न्यास संशोधन विधेयक 2025
- बिहार मॉल सेवा कर प्रथम संशोधन विधेयक 2025
- बिहार नगर पालिका संशोधन विधेयक 2025
- बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त संशोधन विधेयक 2025
- बिहार कृषि भूमि संशोधन विधेयक 2025
- बिहार भूमिगत पाइपलाइन संशोधन विधेयक 2025
कुल मिलाकर सरकार 12 विधेयक लाकर पारित करने की योजना पर काम कर रही है, जिनमें से आधे संशोधन आधारित हैं इस दौरान कुल मिलाकर
मानसून सत्र का प्रारंभ हंगामे के साथ हुआ, जिसमें विपक्ष ने SIR और कानून व्यवस्था को चुनावी मुद्दा बनाया।
प्रदर्शन, वेल में धक्का-मुक्की, विधेयक फाड़ना और मार्शलों का हस्तक्षेप—इन सबके बीच सरकार ने 6–12 विधेयक पारित करवा डाले।
अगले दिनों—24 जुलाई को—अनुपूरक बजट छलेंगा; इसके साथ साथ भी सरकार व विपक्ष की टकराव जारी रहेगा