
गुरुग्राम, 22 जुलाई- जिला आपदा प्रबंधन की तैयारियों को सुदृढ़ और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से आज गुरुग्राम सचिवालय स्थित एनआईसी कक्ष में एक समन्वय बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला राजस्व अधिकारी विजय यादव ने की। इस अवसर पर आपदा प्रबंधन से जुड़ी विभिन्न तैयारियों, संसाधनों की उपलब्धता और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय को मजबूत बनाने जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
इससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य एवं सलाहकार लेफ़्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैयद अता हुसैन द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए। इस अवसर पर एनडीएमए के सीनियर कंसल्टेंट ब्रिगेडियर आर. गुरूंग तथा गुरुग्राम के राजस्व अधिकारी भी मौजूद रहे।
जिला राजस्व अधिकारी ने कहा कि 29 जुलाई से 1 अगस्त 2025 तक होने वाले ‘अभ्यास सुरक्षा चक्र’ के लिए सभी विभाग आपसी तालमेल, संसाधन जुटाव और आपातकालीन प्रतिक्रिया योजनाओं को मजबूत करें। उन्होंने कहा, “यह अभ्यास हमारी वास्तविक तैयारी की परीक्षा है और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय को मजबूत करने का अवसर भी।”
उन्होंने बताया कि 29 जुलाई को दिल्ली में संगोष्ठी सत्र आयोजित होगा जिसमें आपदा प्रबंधन से जुड़ी विभागीय योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। 30 जुलाई को टेबल-टॉप एक्सरसाइज़ होगी, जिसमें भूकंप और रासायनिक दुर्घटना जैसी स्थितियों पर प्रतिक्रिया अभ्यास होगा। 31 जुलाई को सिमुलेशन साइटों की तैयारी, रेडियो और सैटेलाइट संचार की जांच तथा इओसी और आईआरएस की सुविधाओं का सक्रियण किया जाएगा। 1 अगस्त को मॉक एक्सरसाइज़ आयोजित होगी जिसमें पूर्ण पैमाने पर आपदा प्रतिक्रिया अभ्यास होगा।
उन्होंने बताया कि इस अभ्यास में भूकंप (काल्पनिक 6.5 तीव्रता का झटका) और औद्योगिक/रासायनिक दुर्घटना के परिदृश्यों को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य आपदा के समय त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया क्षमता की जाँच करना है। दिल्ली और एनसीआर उच्च भूकंपीय जोखिम क्षेत्र में आते हैं, इसलिए यह ड्रिल केवल पूर्वाभ्यास नहीं बल्कि वास्तविक तैयारियों की खामियों को पहचानने का एक अवसर है।
विजय यादव ने बताया कि गुरुग्राम में पाँच प्रमुख साइट्स जिनमें स्कूल, सरकारी कार्यालय, रिहायशी क्षेत्र, अस्पताल और उद्योग शामिल हैं। स्कूलों में ‘डक-कवर-होल्ड’ अभ्यास, सरकारी कार्यालयों में नियंत्रित निकासी और क्षति आकलन, रिहायशी क्षेत्रों में खोज और बचाव , अस्पतालों में डीएम प्लान का सक्रियण तथा औद्योगिक स्थलों पर हैजकेम प्रबंधन और अग्निशमन का अभ्यास किया जाएगा। अस्पतालों की कैज़ुअल्टी प्रबंधन क्षमता और सड़क/हवाई मार्ग से सहायता जुटाने की तत्परता की भी जांच की जाएगी।
1 अगस्त को सामुदायिक प्रतिक्रिया का लाइव स्ट्रीमिंग और विशेषज्ञ बलों (एनडीआरएफ /एसडीआरएफ ) की कार्रवाई प्रसारित की जाएगी। प्रत्येक जिला 3–4 मिनट की लाइव प्रस्तुति देगा। हेलीकॉप्टर ऑपरेशन्स और राहत कैंप भी लाइव दिखाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी छात्र या नागरिक को जोखिमपूर्ण गतिविधियों में शामिल नहीं किया जाएगा। उच्च जोखिम वाले कार्य केवल प्रशिक्षित एनडीआरएफ /एसडीआरएफ या फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज कर्मियों द्वारा किए जाएंगे। 25 जुलाई 2025 तक सभी जिलों को अपने चयनित पाँच साइटों का विवरण एनडीएमए को भेजना होगा। एयरपोर्ट, रेलवे, मेट्रो, आईजीएल और टेलीकॉम जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं को सतर्क मोड पर रखा जाएगा।
बैठक में डिप्टी कंट्रोलर सृष्टि (सिविल डिफेंस), सिविल डिफेंस वार्डन मोहित शर्मा,, डिप्टी सीएमओ शालिनी, जिला आपदा प्रबंधन से प्रोजेक्ट ऑफिसर पूनम, रेड क्रॉस से रोहितास शर्मा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।