
जगदीप धनकड़ का आक्रामक रवैया बना इस्तीफे का कारण ?
Hightlights
- 5 साल का कार्यकाल और बीच में हीं दिया इस्तीफा
- जगदीप धनकड़ पर क्या सच में बनाया गया दबाव
- अपने बड़बोलेपन के लिए जाने जाते है जगदीप धनकड़
- जगदीप धनकड़ के इस्तीफा की बात सुर्ख़ियों में बानी हुई है
- स्वास्थ का बहाना बनवाकर लिया गया इस्तीफा
5 साल का कार्यकाल और 3 साल में इस्तीफा , ये बात कुछ हज़म नहीं हुई आखिर क्यों क्या कारण है ? क्या आपने जानने की कोशिश भी की ?देखिये इस वक्त
उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ के इस्तीफा की बात सुर्ख़ियों में बानी हुई है सवाल लोगों का ये है की अचानक से क्यों उन्होंने इस्तीफा दिया है। हालांकि लोगों का कहना है की जरूर नीतीश को उपराष्ट्रपति बनाने के लिए जगदीप धनकड़ को उनके कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा देने पर मजबूर किया गया ये मामला कुछ दिनों तक चला लेकिन असली वजह कुछ और ही हैं। intron anchor ,,,,,
इस वक्त ये कहने में कोई संकोच नहीं है की उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ का इस्तीफा साफ दिखाता है की इस देश में लोकतंत्र की आवाज को दबाया जा रहा है। चलिए आपको हम बताते हैं की असल कारण क्या है जगदीप धनकड़ के इस्तीफे की (वो कहते हैं की कुछ तो मजबूरियां रहीं होंगी दोस्त यूँ हीं इंसान बेवफा नहीं होता है ) देखिये कोई भी उच्च पदाधिकारी अगर कोई आदेश पारित करता है या फिर उसके कोई मीटिंगग में बुलाता है तो पार्टी के नेताओं का कर्त्वय है की वो उसका सम्मान करें और उसमें शामिल हो और कोई शामिल ना हो तो क्या वो अपमान नहीं है ? उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। लेकिन अभी तक कोई किसी पुख्ता नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। एक बात तो बिल्कुल तय है कि धनखड़ साहब ने अपने से यह इस्तीफा नहीं दिया है। और इसके पीछे दिया गया उनका स्वास्थ्य का कारण भी सही बात नहीं है। यानि धनखड़ साहब ने व्यक्तिगत मजबूरियों और परेशानियों के चलते यह इस्तीफा नहीं दिया है। वह किसी भी अपमान को सहते हुए कुर्सी से चिपके रहने वाले जीव हैं। और उनकी चमड़ी बहुत मोटी है। और वैसे भी जो शख्स किसी दूसरे का जिस हद तक अपमान करने के लिए तैयार रहता है उसमें खुद भी उतना सहने की क्षमता होती है। एकबार नजर डालें तो पहले सोमवार को शाम को अचानक यह खबर फ्लैश हुई कि उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है जो की सच नहीं है और उनका इस्तीफा चुपचाप स्वीकार लिया गया , तब तक सत्ता पक्ष के किसी शख्स का वह मंत्री हो या कि सांसद कोई एक बयान तक नहीं आया। मानो सत्ता के गलियारे में दही जम गई हो। आज कल एक क्लिप सोशल मीडिया पर घूम रही है जिसमे मंच पर भाषण देते वक्त जगदीप धनकड़ कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को आदेश देते नजर आ रहें है की राज्य में किसानो की मांगे लबित है उसे जल्द पूरा किया जाए अब ये बात सत्ता पक्ष को चुभ गई क्योंकि जगदीप साहब का ये बयान सरकार के किसान निति पर असर कर रह है यानि उपराष्ट्रपति की यह पहल सरकार की नीतिगत स्थिति में हस्तक्षेप जैसा था। धनखड़ जी अपने बड़बोलेपन के लिए जाने जाते हैं और संसद से कई वीडियो भी उनकी वायरल हुई है जो अक्सर उनके बड़बोले पन को दिखाती है जैसे उसी कड़ी में एक बार उन्होंने अपनी लक्ष्मणरेखा भी क्रास कर दी। जब उप राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद की गरिमा को तार-तार करते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर हमला कर दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर न केवल भ्रष्टाचार का आरोप लगाया बल्कि जस्टिस यशवंत वर्मा वाले मामले में सवाल उठाया कि उनके घर से नोट बरामद होने के बाद उनके खिलाफ आखिर एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गयी? और इसी तरह से एक और मौके पर वह सुप्रीम कोर्ट की घेरेबंदी से बाज नहीं आए थे। जब सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपालों और राष्ट्रपतियों के लिए किसी बिल पर फैसला लेने के लिए समय सीमा निर्धारित करने की बात कही थी। तब धनखड़ ने कहा था कि भला राष्ट्रपति को सुप्रीम कोर्ट निर्देश कैसे दे सकता है? इसी तरह का एक और मामला सामने आया है जिसमें कहा जा रहा है कि धनखड़ ने बीजेपी हाईकमान की नाराजगी मोल ले ली। वह है जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ विपक्ष द्वारा दायर महाभियोग प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का मामला। आपको याद होगा इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश शेखर यादव ने न केवल विश्व हिंदू परिषद का मंच शेयर किया बल्कि उस मंच से उन्होंने घोर सांप्रदायिक भाषण दिया जो न तो किसी जज की गरिमा के अनुरूप था और न ही सभ्य समाज में उसकी कोई जगह थी। सुप्रीम कोर्ट ने उस भाषण का संज्ञान जरूर लिया और जांच भी बैठायी लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिफर रहा। मामले को विपक्ष ने उठाया और उसने उनके खिलाफ संसद में महाभियोग चलाने का प्रस्ताव दे दिया। जिस पर कई विपक्षी सांसदों ने हस्ताक्षर भी कर दिए। अब जब सारे काम धनकड़ साहब ाचा ही कर रहें है लेकिन रास्ता कभी कभी उनका बहुत आक्रामक रहा है इस लिए भी वो इस्तीफा दिए हैं……………..