
राजस्थान की मिट्टी से उठे, हरियाणा-पंजाब तक दिलों पर राज: आईएएस निशांत कुमार यादव से खास बातचीत जनता से सीधा संवाद ही प्रशासन की असली कुंजी: आईएएस निशांत कुमार यादव
राजस्थान की मिट्टी से उठे, हरियाणा-पंजाब तक दिलों पर राज: आईएएस निशांत कुमार यादव से खास बातचीत
जनता से सीधा संवाद ही प्रशासन की असली कुंजी: आईएएस निशांत कुमार यादव
जहां भी रहे जिससे मिले अपना बना लिया।
हरियाणा से लेकर पंजाब तक आम जनता को अपना बना लिया।
गुस्से में आने वाली जनता को भी अपनी निर्मल भाषा से अपनी और कर लिया। जिसके चलते गुरुग्राम से लेकर पंजाब चंडीगढ़ तक आम आदमी सीधा संवाद कर उनको अपना मान रहे।
उन्होंने खास बातचीत में जिक्र करते हुए कहा की
प्रशन, आपकी जहां पोस्टिंग होती है आप वहां की समस्याओं को कैसे हल करते हैं।
उत्तर, मैं लोगों की समस्याओं को तुरंत प्रभाव से हल करता हूं क्योंकि मैं भी एक कस्बे से आता हूं और मुझे लोगों की समस्याओं का भली-भांति ज्ञान होता है क्योंकि मैं भी जानता हूं लोगों की समस्याओं के बारे में।
प्रशन, आप राजस्थान के बहरोड से आते हैं और हरियाणा राजस्थान के साथ लगता प्रदेश है जब आप गुरुग्राम में जिला उपायुक्त के पद पर थे कैसी समस्या आई थी।
उत्तर, अधिकतर समस्याएं बिजली पानी सड़क से संबंधित होती थी लेकिन गुरुग्राम प्रदेश का सबसे अधिक राजस्व देने वाला जिला है और उस जिले में देश के विभिन्न राज्यों से आम नागरिक निवास करते हैं और उनकी समस्याएं भी खासकर बिजली पानी और सड़क की होती थी और मैं सीधा उनसे संवाद करता था और उनकी समस्याओं का प्रशासनिक अधिकारियों से तुरंत प्रभाव से हल कर आता था जिससे उनके नाराजगी दूर हो जाती थी।
प्रशन, अब आप चंडीगढ़ में डीसी के पद पर नियुक्त है वहां की और गुरुग्राम की समस्याओं में कितना अंतर है।
उत्तर, चंडीगढ़ में और गुरुग्राम की समस्याओं में कोई खास बड़ा अंतर नहीं है चंडीगढ़ में अधिकतर अवैध कब्जे बिजली पानी ग्रामीण क्षेत्र में जो लोगों की समस्या होती है वह सामान्य होती है और उनका जनता से सीधा संवाद कर समाधान कर दिया जाता है इसी प्रकार से गुरुग्राम में भी समस्याओं का समाधान जल्दी हल कर दिया जाता था और चंडीगढ़ और गुरुग्राम की समस्या लगभग एक समान जैसी है।
प्रशन, गुस्से में आने वाले लोगों को कैसे शांत करते हैं।
उत्तर, जो अपनी समस्या को लेकर गुस्से में होते हैं उनके साथ नरमी से हंसकर अगर उनकी समस्या का समाधान कर दिया जाता है तो वह आते हैं नाराज होकर जाते हैं खुश होकर अगर कोई भी अधिकारी जनता के सामने नरमी से पेश आता है तो कितने भी गुस्से में व्यक्ति हो उसका गुस्सा उसी समय शांत हो जाता है।
प्रशन, चंडीगढ़ में डीसी के पद पर कितने वर्ष तक पोस्टिंग होती है।
उत्तर, चंडीगढ़ केंद्रीय शासित राज्य है और इसमें 3 वर्ष तक अन्य प्रदेश से आईएएस अधिकारियों की पोस्टिंग होती है।
प्रशन, आपका चंडीगढ़ केंद्रीय शासित राज्य में सबसे बड़ी चुनौती क्या है,
उत्तर, देखिए किसी भी अधिकारी के सामने कोई बड़ी चुनौती नहीं होती जो अधिकारी मन से काम करता हो जनता के लिए काम करता हो जनता के हित के लिए काम करता हो उसको वहां की जनता गले लगाती है प्यार करती है और मेरे लिए हरियाणा में और चंडीगढ़ में कोई चुनौती नहीं है मैं जनता से मिलकर आम हर व्यक्ति की समस्या का हल करने का प्रयास करता हूं इसलिए मेरे सामने कोई चुनौती नहीं होती।
प्रशन, चंडीगढ़ में आप ऐसा कौन सा काम करने वाले हैं जिससे चंडीगढ़ की जनता आपको हमेशा याद रखें।
मेरा विजन हर नागरिक का सम्मान करना हर नागरिक की समस्या को हल करना यह मेरा विजन रहेगा और है।
प्रशन, आप चंडीगढ़ कैसे विकसित करने की योजना बना रहे हैं।
उत्तर, मेरा सपना चंडीगढ़ के लिए नहीं जहां भी मेरी पोस्टिंग होती है मैं उस जिले को मैं उस जगह को साफ़ सूत्री और ऐसी बनाना चाहता हूं जो आने वाली पीढ़ियां याद करें और वहां की जनता भूल न पाए मेरा जो विजन है वह साफ सुथरा है और चंडीगढ़ एक ऐसा शहर है जो भारत का पहला आधिकारिक रूप से सलाम मुक्त शहर बनने के कगार पर है।
प्रशन, आपको हरियाणा ज्यादा पसंद है या राजस्थान।
उत्तर, मुझे हरियाणा भी पसंद है राजस्थान भी पसंद है और देश के वह शहर भी पसंद है जो साफ-सोते और अच्छे नागरिक रहते हैं।
राजस्थान के बहरोड के रहने वाले आईएएस निशांत कुमार यादव ने कहा राजस्थान की मिट्टी में खेलकर बढ़ा हुआ हूं और अपने प्रदेश को कोई भी नहीं भूलता जिस मिट्टी में खेल कर जो भी व्यक्ति आगे बढ़ा है और बढ़ रहा है उस व्यक्ति के लिए सबसे पहले अपना देश है जिस देश की मिट्टी में खेल कूद कर बड़े हुए हैं आगे बढ़े हैं उस प्रदेश और देश को कोई कभी भूल नहीं सकता और जहां भी वह रहे हैं उन्होंने राजस्थानी छाप जरूर छोड़ी है क्योंकि राजस्थान के नागरिक हमेशा मीठी वाणी से दुश्मन को भी अपना बना लेते हैं यह राजस्थान की वाणी की मिठास है।