धार्मिक संवाद से राष्ट्रीय एकता की ओर एक और कदम
हरियाणा भवन, नई दिल्ली
24 जुलाई 2025
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर आज हरियाणा भवन में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के 70 से अधिक मुस्लिम धर्मगुरु, मुफ्ती, इमाम और मदरसा प्रमुखों ने भाग लिया। इस ऐतिहासिक बैठक का उद्देश्य हिंदू–मुस्लिम समुदायों के बीच संवाद और सौहार्द को बढ़ावा देना था।
बैठक की अध्यक्षता संघ प्रमुख मोहन भागवत ने की। उनके साथ संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ. कृष्ण गोपाल, रामलाल जी, तथा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक श्री इंद्रेश कुमार भी उपस्थित थे।
भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के सभी नागरिक, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, एक ही सांस्कृतिक धारा के अंग हैं। उन्होंने यह भी कहा कि “मुस्लिम समुदाय को भारत में डरने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हम सबके पूर्वज एक हैं और देश की सेवा ही हमारा साझा धर्म है।”
बैठक में ज्ञानवापी, जनसंख्या नियंत्रण, और सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई। सभी प्रतिभागियों ने एक स्वर में धार्मिक सहिष्णुता, संवाद और भाईचारे को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने 70 से अधिक मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात की। इस पहल का उद्देश्य हिंदू–मुस्लिम समुदायों के बीच संवाद को मजबूत करना, गलतफहमियों को दूर करना और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है। बैठक में ज्ञानवापी, जनसंख्या नियंत्रण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
राजनीतिक व सामाजिक लिहाज़ से इसका महत्त्व क्या है?
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यह बैठक सामूहिक सांप्रदायिक तनाव को शांत करने की दिशा की एक सक्रिय पहल है।
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संघ की यह दिशा संकेत देती है कि वह समावेशी भूमिका में देखे जाना चाहता है, जहाँ सभी धर्म एक समान रूप से भारतवर्ष की माटी से जुड़े हों।
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हालांकि कुछ धर्मगुरुओं एवं सामाजिक दृष्टिकोण रखने वाले लोगों ने इस प्रकार की पहल को आलोचनात्मक नजरिए से भी देखा है—विशेषकर धार्मिक स्वायत्तता या राष्ट्रीयता की चर्चाओं में।
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आगे की राह
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आगामी कार्यक्रमों में संघ–मुस्लिम संवाद अधिक तीव्र और व्यापक किया जाएगा—विशेषकर उन 64 जिलों में जहाँ सहयोग बढ़ाया गया है।
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धर्मगुरुओं के साथ नियमित आमने-सामने बातचीत, क्षेत्रीय विवादों का सामुदायिक समाधान, और बहुधर्मी आयोजनों की साझा रूपरेखा—इन दिशा-निर्देशों के अनुरूप आगे की योजना रहेगी।
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