
हरियाणा द्वारा आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि व सम्मान देने के लिए स्लाइड्स के माध्यम से बतलाई गई संविधान की मर्यादा पर हुए हमले और लोकतंत्र के सत्याग्रहियों के संघर्ष की कहानी
हरियाणा द्वारा आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि व सम्मान देने के लिए स्लाइड्स के माध्यम से बतलाई गई संविधान की मर्यादा पर हुए हमले और लोकतंत्र के सत्याग्रहियों के संघर्ष की कहानी
– लोकतंत्र सेनानी संगठन के प्रतिनिधियों ने प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान सांझा किए आपातकाल से जुड़े अपने संस्मरण, युवा पीढ़ी को आपातकाल के दौर की याद दिलाने के इस प्रयास के लिए सेनानियों ने की हरियाणा सरकार की प्रशंसा
गुरुग्राम, 24 जुलाई। भारत सरकार द्वारा आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर लोकतंत्र के अंधकार युग के रूप में याद करते हुए आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि व सम्मान देने हेतु सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग हरियाणा द्वारा गुरुग्राम के लघु सचिवालय परिसर में एक प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में स्लाइड्स के माध्यम से आपातकाल में लोकतंत्र पर हुए प्रहार से जुड़ी विभिन्न घटनाओं के संस्मरणों को प्रदर्शित किया गया है।
आपातकाल के दौरान यातना सहने वाले लोकतंत्र के सेनानियों ने गुरुवार को लघु सचिवालय स्थित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। लोकतंत्र सेनानियों ने लोकतंत्र पर हुए प्रहार के उस कालखंड के दौरान भारत में घटित घटनाओं का चित्रों के माध्यम से जीवंत प्रदर्शन को लेकर हरियाणा सरकार की सराहना की।
लोकतंत्र सेनानी संगठन के प्रांत अध्यक्ष महाबीर भारद्वाज, जिला अध्यक्ष श्रीचंद गुप्ता, संरक्षक विपिन सिंघल, सोहन लाल गोगिया, प्रेम प्रकाश गिरिधर, बृज मोहन गोयल, आत्मप्रकाश नागपाल आदि ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। लोकतंत्र सेनानियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए उस दौर को याद किया जब लोकतंत्र बचाने के लिए हुए संघर्ष के दौरान उनकी गिरक्रतारियां हुई थी।
लोकतंत्र सेनानी सोहन लाल गोगिया ने लोकतंत्र के सत्याग्रहियों को नमन करते हुए कहा कि भारत में संविधान की रक्षा के लिए आपके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने बताया कि वर्ष 1975 में आपातकाल की घोषणा होने के उपरांत शहर के डाकखाना चौक से सोहना चौक तक विरोध मार्च निकाला गया था। जिसके उपरांत उन्हें गिरक्रतार कर लिया गया था। पांच महीने तक जेल में रहने का वह दौर सदैव उनकी स्मृतियों में कायम है। वहीं विपिन सिंघल ने बताया कि वह गिरक्रतारी के समय दसवीं कक्षा में पढ़ते थे। वह और उनके भाई दोनों युवा अवस्था में गिरक्रतार हुए थे और दिल्ली की तिहाड़ जेल में चार से पांच महीने तक यातनाएं सही। ऐसे ही अधिकतर सेनानियों ने अपने संस्मरण बातचीत के दौरान सांझा किए।
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी बिजेंद्र कुमार ने प्रदर्शनी में लोकतंत्र सेनानियों का स्वागत किया और स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में सत्याग्रहियों के संघर्ष, प्रेस पर सेंसरशिप, नागरिक अधिकारों का हनन, संवैधानिक ढांचे पर हमला और मूल्यों का हनन, जन आंदोलन, वरिष्ठ नेताओं विशेषकर भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी, स्व. चंद्रशेखर, पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी आदि को जेलों में बंद करना, रचनात्मकता पर रोक आदि घटनाओं को स्लाइडस के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य विशेषकर युवाओं को उस दौर की सच्चाई से अवगत कराना और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना रहा।
उल्लेखनीय है कि गुरुग्राम के साथ-साथ यह प्रदर्शनी पटौदी उपमंडल में भी लगाई गई है। इन प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को 50 वर्ष पहले जनता को संवैधानिक अधिकारों से वंचित करने की घटना को जानने का अवसर मिल रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा लोकतंत्र के सेनानियों के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रदर्शित करते प्रतिमाह सम्मान निधि व राज्य परिवहन की बसों में निशुल्क यात्रा सहित अन्य सुविधाएं भी प्रदान की है।
इस अवसर पर सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग से सूचना केंद्र सहायक विश्वास सैनी, लेखाकार दिनेश कुमार, विजय रोहिल्ला, अमित कुमार व विशाल सहित अन्य व्यक्ति भी उपस्थित रहें।