
बड़े बेटे के सपने ने उड़ाई लालू की नींद ?
- तेज प्रताप को सपने में पीएम मोदी ने दिया ऑफर
- लालू के लाल का जवाब हुआ वायरल
- तेजप्रताप यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना
- सत्ता के लिए सपने बेचने वाले बहुत हैं,
- हम वो हैं जो सपने में भी विचार नहीं बेचते।
- तेज प्रताप यादव ने अपने ट्विटर पर लिखा
Patna Desk : तुम हमको चाहो ना चाहो कोई बात नहीं तुम किसी और को चाहोगे तो मुश्किल होगी। पहले आप ये वीडियो देखिये लालू यादव की फिर बताते है आगे की खबर तो सुना आपने जी हां। ……ये बात लालू यादव ने अपने भाषण में कहा था जब वो सत्ता में थे देखिये अब इस वक्त लालू यादव के पारिवारिक कलेश से हर कोई रूबरू है सबको पता है इस वक्त लालू यादव के परिवार में बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को घर से घर निकाला मिल गया है और आरजेडी पार्टी की बागडोर अब छोटे बेटे तेजस्वी यादव के हाथ में है।
अब देखिये एक सपना देखा है तेजप्रताप यादव ने जिसकी वजह से लालू परिवार की नींद उड़ गई है। या यूं कह लें की अब तो चैंन की नींद आनी बहुत मुश्किल है। दरससल अपने ट्विटर हेंडल तेजप्रताप यादव ने एक पोस्ट किया हैं जिसमे साफ़ दिख रहा है की तेजप्रताप यादव बीजेपी में जाने का मन बना चुके हैं इस पोस्टर में दिख रहा है की पीएम मोदी तेजप्रताप यादव को पार्टी में आने का सुनहरा मौका दे रहें है और तेजप्रताप यादव सपने में खोए हैं लेकिन ख़ुशी उनके चेहरे पर वास्तविक है आप देखिये ये फोटो। . लेकिन ये फोटो वायरल तो बहुत हो रही है लेकिन सवाल ये है की क्या तेजप्रताप यादव वाकई बीजेपी में जाने मन बना चुके हैं ? नहीं इस पोस्ट की सच्चाई कुछ और है चलिए जानते है क्या दरअसल ये पोस्ट तेजप्रताप यादव ने ये दिखने के लिए किया है की वो अपने मार्ग से हैट नहीं रहें है उनका कहना है की बीजेपी ने उनको अपने पार्टी में आने का सपने में ऑफर दे रही है लेकिन तेजप्रताप यादव का कहना है की मैंने सपने में बीजेपी से बोलै की आप मेरे पार्टी में आजाओ उन्होंने लिखा है की ,सत्ता के लिए सपने बेचने वाले बहुत हैं,
हम वो हैं जो सपने में भी विचार नहीं बेचते। यानि की वो बीजेपी में जाने से इंकार कर दिए है अब ये पोस्ट इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है। बिहार में के राजनीतिक गलियारे में बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों के द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चालू हो गया है। राजनीतिक पार्टियां मौका ढूंढ कर एक-दूसरे पर प्रहार करने से नहीं चूक रही हैं। देखिये एक तरफ कयास लगाया जा रहा है की परिवार से अलग अब निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे तेजप्रताप वही दूसरी ओर बीजेपी पर निशाना साध के लालू यदा को खुश करने की कोशिश कर रहें है तेजप्रताप यादव क्या है सच्चाई आप हमे कमैंट्स में जरूर बताइयेगा।