
तेजस्वी करेंगे चुनाव बहिष्कार
बिहार में चुनाव आयोग को बड़ी चुनौती,
SIR के मुद्दे पर अड़े तेजस्वी यादव?
बिहार चुनाव आयोग और तेजस्वी यादव में भयंकर जंग ?
तेजस्वी यादव का चुनाव बहिष्कार,
क्या पड़ेगा चुनाव आयोग पर भारी ?
बिहार विधान सभा चुनाव अब ज्यादा दूर नहीं महज़ कुछ महीने में चुनाव की तारीखों का ऐलान भी हो जाएगा लेकिन बिहार में सियासी पारा हाई है 21 जुलाई जब बिहार विधान सभा का मॉनसून सत्र शुरू हुआ तो तेजस्वी यादव ने कहा था की हम पुरजोर तरीके से SIR का मुद्दा उठाएंगे विधान सभा में क्योंकि ये संविधान का मंदिर है और यहां अपनी बात रखने का सबको अधिकार है। तेजस्वी यादव वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के पहले दिन से ही विरोध में है और वो दिन और आज का दिन तेजस्वी का कहना है ये वोटर लिस्ट के साथ छेड़ छाड़ है लेकिन सवाल एक ये भी है की जो पार्टी बिहार में इतने दिन तक सत्ता में काबिज रही लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं कर पाई सिवाय गुंण्डा राज के बढ़ावा देने के तो आज वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन पेट में दर्द क्यों होने लगा अचानक से जनता का दर्द उनका अधिकार कैसे दिखने लगा तेजस्वी और उनके साथियों को कहते है की बीती जो खुद पर तो कुछ न आया समझ मशवरे यूँ तो हम औरों को दिया करते थे !!
इसका मतलब है की तेजस्वी यादव को जनता की नहीं बल्कि अपने वोट और सीट की चिंता अब सताने लगी है क्योंकि इस वेरिफिकेशन में उन लोगों का नाम काटा जा रहा है जो जिन्दा नहीं है और फिर भी उनका नाम चल रहा था अब हाल फ़िलहाल में एक और खबर बिहार से ब्रेक हुई जिसमे दावा किया जा रहा है की पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अब चुंकाव नहीं लड़ेंगे जी है उन्होंने बिहार में विधान सभा चुनाव का बहिष्कार किया है उनका कहना की चुनाव आयोग पारदर्शिता नहीं कर रहा है लेकिन तेजस्वी के बयान को कांग्रेस ने नकार दिया कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि इंडिया ब्लॉक के सभी सहयोगी दल इस मुद्दे यानि चुनाव बहिष्कार पर विचार करेंगे और फैसला लेंगे. हमारे लिए सभी विकल्प खुले हैं.इस दौरान उन्होंने ये भी कहा की तेजस्वी यादव का चुनाव बहिष्कार वाला बयान केवल चुनाव आयोग पर दबाव बनाने के लिए था और इसकी इस तरह से व्याख्या नहीं की जानी चाहिए.तो अब सवाल ये है की क्या तेजस्वी यादव चुनाव आयोग को ये घुड़की देके अपनी बात मनवाने में सक्षम होंगे ? इसका चुनाव आयोग पर क्या असर पड़ेगा ?