
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में रविवार को कांग्रेस पार्टी ने एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन करते हुए “OBC भागीदारी महासम्मेलन” का आयोजन किया। इस आयोजन को सामाजिक न्याय और OBC समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में कांग्रेस का बड़ा कदम माना जा रहा है।
सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, महासचिव केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, राजेश लिलौठिया, और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। राहुल गांधी का बड़ा बयान: अब OBC की लड़ाई मेरी प्राथमिकता
राहुल गांधी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा,
“अब OBC की लड़ाई मेरी प्राथमिकता होगी।”
उन्होंने कहा कि देश की आधी से ज़्यादा आबादी OBC, SC, और ST समुदायों से आती है, लेकिन उन्हें उनकी जनसंख्या के अनुपात में न तो राजनीतिक और न ही आर्थिक भागीदारी दी गई है।
राहुल ने कहा,OBC को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया है। अब वक्त आ गया है कि उन्हें उनकी संख्या के अनुसार सत्ता और संस्थानों में भागीदारी दी जाए। कांग्रेस इस दिशा में निर्णायक कदम उठाएगी।”जातीय जनगणना पर कांग्रेस का फोकस
राहुल गांधी ने तेलंगाना की जातीय जनगणना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसने देश में सियासी तूफ़ान खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा,
“जब हमने बिहार में जातीय सर्वे कराया तो भाजपा बौखला गई। अब तेलंगाना में भी सच्चाई सामने आ गई है। यही वजह है कि भाजपा और RSS घबराए हुए हैं।”
उन्होंने यह भी दोहराया कि कांग्रेस सत्ता में आने पर पूरे देश में जातीय जनगणना कराएगी ताकि OBC, SC और ST को उनका हक़ मिल सके।
RSS पर राहुल का सीधा हमला
राहुल गांधी ने अपने भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को निशाने पर लेते हुए कहा:
“OBC का सबसे बड़ा दुश्मन RSS है। यह संगठन नहीं चाहता कि OBC समाज को आगे बढ़ने का मौका मिले।”
उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा की विचारधारा सामाजिक न्याय के खिलाफ है और वे देश को एक “ऊंच-नीच की व्यवस्था” में बांटे रखना चाहते हैं।
मल्लिकार्जुन खरगे का हमला: संसद में भी दिखेगी यह लड़ाई
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी सम्मेलन में जोरदार भाषण दिया। उन्होंने कहा कि वह स्वयं OBC समाज से आते हैं और उन्होंने अपने जीवन में भेदभाव झेला है।
“अगर OBC को देश के विकास में बराबरी से भागीदारी नहीं दी गई, तो यह देश मजबूत नहीं बन सकता।”
खरगे ने यह भी कहा कि कांग्रेस आगामी संसद सत्रों में इस मुद्दे को उठाएगी और सरकार से जवाब मांगेगी कि आखिर जातीय जनगणना से उसे डर क्यों लगता है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, यह सम्मेलन कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह 2024 लोकसभा चुनावों से पहले OBC समुदाय को अपने साथ जोड़ना चाहती है। बीजेपी द्वारा बार-बार कांग्रेस पर “सवर्ण पार्टी” होने का आरोप लगाया जाता रहा है, लेकिन इस आयोजन के ज़रिए कांग्रेस ने खुद को सामाजिक न्याय की लड़ाई में सबसे आगे बताने की कोशिश की है। तालकटोरा स्टेडियम में हुआ यह सम्मेलन सिर्फ एक राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि 2024 लोकसभा चुनावों के पहले OBC समुदाय के लिए कांग्रेस का खुला संदेश था। राहुल गांधी की यह घोषणा कि “OBC की लड़ाई अब मेरी प्राथमिकता है”, आने वाले दिनों में राजनीतिक हलचलों का केंद्र बन सकती है।