
अनिरुद्धाचार्य पर भड़की महिला
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। एक वायरल वीडियो में वह लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर ऐसी टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं, जिसे महिलाओं ने अपमानजनक बताया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में अनिरुद्धाचार्य ने न केवल महिलाओं पर सवाल उठाए हैं, बल्कि अपनी कथाओं की गरिमा को भी ताक पर रख दिया है।बाबा के इस बयान को लेकर जनता का आक्रोश फूट पड़ा है। कई महिलाएं सड़कों पर उतर आई हैं और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही हैं। प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने कहा कि जब तक कार्रवाई नहीं होती, उनका धरना जारी रहेगा।विरोध कर रहीं महिलाओं का कहना है कि धार्मिक मंच का इस्तेमाल महिलाओं को अपमानित करने के लिए नहीं होना चाहिए। उनका यह भी आरोप है कि बाबा अपने पद की गरिमा को बार-बार ठेस पहुंचा रहे हैं।
क्या कहता है भारतीय कानून लिव-इन रिलेशनशिप पर?
भारतीय कानून के तहत लिव-इन रिलेशनशिप को न तो अवैध माना गया है और न ही इसे शादी के बराबर कानूनी मान्यता मिली है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने कई मामलों में लिव-इन पार्टनर्स को कुछ अधिकार दिए हैं। इनमें घरेलू हिंसा से सुरक्षा, बच्चों को संपत्ति में अधिकार जैसे प्रावधान शामिल हैं।
क्या बाबा की बात पूरी तरह गलत है?
देखा जाए तो कानून की नजर में लिव-इन रिलेशनशिप एक वैकल्पिक व्यवस्था है, जिसे पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता। लेकिन एक धर्मगुरु के रूप में अनिरुद्धाचार्य जैसे लोगों से उम्मीद की जाती है कि वे समाज में संतुलन और सद्भाव फैलाएं, न कि विवाद को हवा दें।
निष्कर्ष:
अनिरुद्धाचार्य का यह बयान केवल लिव-इन रिलेशनशिप पर राय भर नहीं है, बल्कि एक वर्ग विशेष – खासकर महिलाओं – के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है। अब यह देखना होगा कि समाज और कानून इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं।