
नीतीश कुमार ने नीतीश कुमार ने पहली बार 1977 में बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा था।
एसआईआर के मुद्दे चर्चा क्यों नहीं हो सकती
मांग को लेकर स्थगन प्रस्ताव के नोटिस मिलने की जानकारी दी
बिहार 1 अगस्त।
संसद के दोनों सदनों में विपक्ष बिहार वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है. विपक्ष के जोरदार हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही31 जुलाई को भी नहीं चल पाई थी. 1 अगस्त को भी कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने बिहार एसआईआर पर चर्चा की मांग करते हुए जोरदार हंगामा किया हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद चार मिनट के भीतर ही दोपहर दो और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. कार्यवाही स्थगित करने से पहले राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सदन में यह बताया कि एसआईआर के मुद्दे चर्चा क्यों नहीं हो सकती.दरअसल, राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही आसन से हरिवंश ने लिस्टेड बिजनेस लिए. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सदस्य प्रोफेसर मनोज कुमार झा और अन्य सदस्यों की ओर से बिहार एसआईआर पर चर्चा की मांग को लेकर स्थगन प्रस्ताव के नोटिस मिलने की जानकारी दी.
बिहार में चुनाव से पहले स्कूल रसोइयों और नाइट गार्ड्स को मिला बड़ा तोहफा !
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत रसोइयों के मानदेय को बढ़ाकर दोगुना कर दिया है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर इसकी घोषणा की. साथ ही रात्रि प्रहरी और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों की सैलरी में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है. नीतीश कुमार ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘शिक्षा विभाग के अंतर्गत दोपहर के भोजन में कार्यरत रसोइयों के मानदेय में दोगुनी वृद्धि करते हुए 1650 रुपये से 3300 रुपये करने का निर्णय लिया गया है. वहीं माध्यमिक व उच्च शिक्षा विद्यालय में कार्यरत रात्रि प्रहरी का मानदेय 5000 रुपये से दोगुना करते हुए इसे अब 10000 रुपये करने का निर्णय लिया गया है अब तो बिहार के मुख्यमंत्री ने अपना दिल बड़ा कर लिया।
नीतीश कुमार ने नीतीश कुमार ने पहली बार 1977 में बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा था। वे हरनौत से हार गए थे। 1985 में पहली बार बिहार विधानसभा का चुनाव जीता था ।