
उत्तराखंड के उत्तरकाशी
उत्तराखंड उत्तरकाशी : उत्तरकाशी बादल फटने की तबाही धराली गांव में बर्बादी के मंजर ने केदारनाथ त्रासदी की दिला दी याद सबकुछ खत्म हो गया…. ये शब्द हैं उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने के बाद मची तबाही के गवाह बने चश्मदीदों के हैं नजारा बड़ा भयानक था जब ये देखा गया की एक के बाद एक ज़िंदगियां मौत को गले लगाने के लिए आगे बढ़ रही है उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को बादल फटने से धराली गांव में भारी तबाही मच गई। इस भयावह आपदा के बाद सोशल मीडिया पर कई दिल दहला देने वाले वीडियो वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में चीख-पुकार, अफरातफरी और लोगों की जान बचाने की कोशिशें साफ तौर पर देखी और सुनी जा सकती हैं। एक वायरल वीडियो में कुछ ग्रामीणों को बाढ़ के पानी से जान बचाते हुए भागते देखा गया, जबकि एक अन्य वीडियो में एक व्यक्ति को तेज बहाव से खुद को बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की जद्दोजहद करते देखा गया। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है, लेकिन हालात बेहद गंभीर बताए जा रहे हैं। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे खतरा अभी टला नहीं है। उत्तरकाशी के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने की घटना ने न सिर्फ जनजीवन को तहस-नहस किया, बल्कि सरकारी दावों की हकीकत भी उजागर कर दी। सवाल उठ रहा है कि अगर मौसम विभाग पहले से अलर्ट जारी करता है तो फिर समय रहते गांववासियों को सुरक्षित स्थानों पर क्यों नहीं पहुंचाया गया? 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद सरकार ने दावा किया था कि आपदा प्रबंधन को मजबूत किया जाएगा। लेकिन धराली की इस घटना ने साबित कर दिया कि जमीनी हकीकत आज भी नहीं बदली है। चश्मदीदों का आरोप है कि राहत कार्य घंटों की देरी से शुरू हुआ, जिससे कई लोग फंसे रहे और उनकी जान खतरे में पड़ गई। धराली के लोगों के लिए यह सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि सिस्टम की असफलता का भी बड़ा उदाहरण है