
आज देश के एक ऐसे राज्य में हिंदी भाषा का विरोध किया जा रहा है जिसकी शुरुआत ही हिंदुत्व से होती है महाराष्ट्र में भाषा विवाद सिर्फ एक मुद्दा नहीं बल्कि एक सोची समझी राजनीति का हिस्सा है। हालांकि दिनप्रति दिन अपने ही राज्य में हिंदी भाषी प्रदेशों से आए लोगों को जिस तरह से उद्धव और राज ठाकरे प्रताड़ित कर रहें है ऐसे में उनका वोट बैंक गिरता ही जा रहा है न की बन रहा है और देखिए चौकने वाली बात तो तब हो गई जब भारत की जानी मानी bollywod इंडस्ट्री अब चापलूसी पर उतर आई है जहाँ एक तरफ भोजपुरी इंडस्ट्री हिंदी के पक्ष के खड़ा है तो वही दूसरी ओर हिंदी सिनेमा जगत के गलियारे में हिंदी पर विरोध शुरू हो गया है। हम बात कर रहे है 19 s के दशक की फेमस अदाकारा काजोल की जिनका एक बयान इस वक्त सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है देखिये काजोल ने भी हिंदी का विरोध खुलकर किया है दरअसल मुंबई में एक अवॉर्ड शो इवेंट में काजोल ने शिरकत की है और इस दारौना उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से खुलकर बातचीत की। उन्होंने बातचीत करने के लिए मराठी भाषा का प्रयोग किया अब इस बात को लेकर फैंस भी इनसे नाराज हो गए और काजोल से अपील की कि वो हिंदी में बात करें इस पर काजोल,का रवैया बड़ा अजीब था उन्होंने साफ़ शब्दों में बोल दिया अब मैं क्या हिंदी बोलू जिसको समझना है समझ लो। देखिये काजोल एक हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से आती है लेकिन आज उनको हिंदी बोलने में शर्म आती है जिस हिंदी भाषा ने उनको फम दिया नाम दौलत शोहरत से नवाजा आज वही काजोल उस हिंदी की इस तरह बेइज़ती करते नजर आई ये साफ़ तौर फिल्म इंडस्ट्री की बेइज़ती दिखता है और काजोल के इस बयान ने ये भी दिखाया है कि फ़िल्मइंडस्ट्री में दम नहीं है किसी में ये वही लोग है जो 15 ऑगस्ट पर वन्दे मातरम और देश भक्ति के गाने बनाते है और काजोल ने खुद कभी ख़ुशी कभी गम में हिंदी इंग्लिश का विरोध किया है और हिंदी का सपोर्ट लेकिन आज पैसा बोलता है और राज थके का डर भी बोल रहा है जो काजोल ठीक से हिंदी के लिए प्रेम दर्शा नहीं पा रही हैं शर्म आणि चाहिए ऐसे लगों को जो कमाते तो हिंदी बोलकर हैं लेकिन बाद में बेइज़ती भी हिंदी की करते है और विरोध भी हिंदी का करते हैं