- कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल के प्रयासों से लोहारू जल सेवाएं परिमंडल द्वारा करीब 27 करोड़ 64 लाख रुपए की राशि खर्च
- 13 गांवों के खेतों में बारिश के दौरान जमा होने वाले पानी को पार्ईप लाईन से नजदीक लगती ड्रेन में डाला जाएगा
- बारिश के दौरान झुप्पा व सौरा डिस्ट्रीब्यूटी का अतिरिक्त पानी स्टोर करने के लिए लोहारू क्षेत्र के गांव सिंघानी और पाजू में बनाए जाएंगे बड़े तालाब
भिवानी, 6 मार्च।
प्रदेश सरकार बारिश के दौरान खेतों में जमा होने वाले पानी की निकासी के लिए बनाई योजना के तहत जिला में लोहारू जल सेवाएं परिमंडल द्वारा करीब 27 करोड़ 64 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे. इस योजना में सीधेतौर पर 13 गांवों की 21 हजार 985 एकड़ खेती योग्य भूमि को बाढ मुक्त बनाया जाएगा, जिससे किसानों को सीधा लाभ होगा. गांवों में जमा होने वाले बरसाती पानी को पाईप लाईन के माध्यम से नजदीकी ड्रेन में डाला जाएगा.
यह राशि हाल ही में जनवरी माह में कृषि मंत्री जेपी दलाल के प्रयासों से मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा मंजूर की गर्ई है. सिंचाई विभाग बहुत जल्द ही योजना पर कार्य शुरु करेगा.
उल्लेखनीय है कि जिला में हजारों एकड़ भूमि ऐसी है, जहां बारिश के दिनों में भारी मात्रा में पानी जमा होने से बाढ़ की स्थिति बन जाती है. कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल के प्रयासों से खेती योग्य भूमि को बाढ मुक्त बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अभी हाल ही में जिला के लिए 80 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है, जिसमें लोहारू जल सेवाएं परिमंडल के लिए करीब 27 करोड़ 64 लाख रुपए शामिल हैं. शेष राशि यमुना जल सेवाएं परिमंडल के लिए मंजूर की गई है.
लोहारू जल सेवाएं परिमंडल के तहत किए जाने वाले कार्य की बात करें तो इसमें गांव खरक खुर्द क्षेत्र की करीब 2500 एकड़ खेती योग्य भूमि को बाढ मुक्त बनाने के लिए एक करोड़ 24 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे. यहां पर खेतों को पानी दादरी फीडर में पाईप लाईन के माध्यम से डाला जाएगा. गांव चांग क्षेत्र की करीब 2917 एकड़ खेती योग्य भूमि को बाढ मुक्त बनाने के लिए तीन करोड़ 33 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे. यहां खेतों में जमा होने वाले बारिश के पानी को भिवानी डिस्ट्रीब्यूट्री में डाला जाएगा. खरक, कलिंगा, बोंद, नीमड़ी, जयश्री आदि गांवों की 2917 खेती योग्य भूमि को बाढ़ मुक्त बनाने के लिए एक करोड़ 12 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे. गांव कलिंगा, सैय, रिवोड़ी खेड़ा, कालुवास, पाजू और सिंघानी की करीब 13 हजार 651 एकड़ खेती योग्य भूमि से बारिश की निकासी पर 21 करोड़ 95 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे.
गांव कलिंगा के खेतों कें जमा होने वाले बारिश के पानी को दादरी फीडर और बामला माईनर में डाला जाएगा. गांव में सैय में करीब चार एकड़ जमीन पर बड़े तालाब का निर्माण करवाया जाएगा, जिसको पाईप लाईन के माध्यम से भिवानी डिस्ट्रीब्यूटरी से जोड़ा जाएगा. इसी प्रकार से रिवाड़ी खेड़ा में बड़े तालाब का निर्माण करवाया जाएगा, जिसमें भिवानी डिस्ट्रीब्यूट्री के साथ जोड़ा जाएगा.
इसी प्रकार से गांव सिंघानी और गांव पाजू में बड़े तालाबों का निर्माण करवाया जाएगा. इनमें झुप्पा व सौरा डिस्ट्रीब्यूट्री में बारिश के दिनों में अतिरिक्त पानी को इन तालाबों में डाला जाएगा. इससे बाद इस पानी को सिंचाई में प्रयोग किया जा सकेगा.