गुरुग्राम। देश की राजधानी दिल्ली के साथ लगते हुए गुरुग्राम में मुख्यमंत्री उड़न दस्ता टीम ने स्वास्थ्य विभाग एवं एसडीएम गुरुग्राम की संयुक्त टीम के द्वारा सेक्टर 5 गुरुग्राम क्षेत्र में नई उम्मीद के नाम से अवैध रूप से काफी समय से चल रहे नशा मुक्ति केंद्र पर छापेमारी की।
मुख्यमंत्री उड़न दस्ते के इंस्पेक्टर हरीश के अनुसार रेलवे रोड पर सेक्टर 5 थाना क्षेत्र में मकान नंबर 23 गली नंबर 2 न्यू अमनपुरा नजदीक शीतला माता मंदिर के पास नई उम्मीद के नाम से अवैध रूप से नशा मुक्ति केंद्र चलकर शराब एवं अन्य नशीले पदार्थ गांजा, सुल्फा, चिटटा, इंजेक्शन मेडिकल, नशा आदि का इलाज किया जा रहा था, टीम मौके पर पहुंची तो नकली एवं अवैध रूप से चलाए जा रहे नशा मुक्ति केंद्र के लोगों में भगदड़ मच गई।
मुक्ति केंद्र पिछले तीन-चार साल से चलाया जा रहा है
बिना डॉक्टर की सलाह के मरीजों को दवाई भी दी जाती थी
मुख्यमंत्री के उड़न दस्ते ने नशा मुक्ति केंद्र का संचालक करने वाले विनय राठी जिला झज्जर को वहां पर पाया जिसने पूछताछ में बताया कि यह नशा मुक्ति केंद्र पिछले तीन-चार साल से चलाया जा रहा है जहां पर बिना डॉक्टर की सलाह के मरीजों को दवाई भी दी जाती थी आरोपी विनय राठी ने यह भी जानकारी दी यह नशा मुक्ति केंद्र देवेंद्र यादव एवं नरेश गहलोत के साथ मिलकर चलाया जा रहा है मौके पर 31 मरीज दाखिल मिले जिनका इलाज किया जा रहा था, इस नशा मुक्ति केंद्र पर नशो के आदि लोगों से इलाज के नाम पर 10 से ₹12000 प्रति माह नॉर्मल चार्ज किया जाता था 15 से 16000 रुपए प्रति माह vip इलाज जिसमें एक कैमरा एलईडी आदि सुविधा दी जाती थी और आरोपियों के खिलाफ सेक्टर 5 गुरुग्राम पुलिस स्टेशन में बिना लाइसेंस के नशा मुक्ति केंद्र चलाने पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
किसके इशारे पर चल रहा था अवैध रूप से नशा मुक्ति केंद्र
गुरुग्राम साइबर सिटी में आखिरकार ऐसा कौन है जिसके इशारे पर अवैध रूप से नशा मुक्ति केंद्र चलाए जा रहा था जबकि यहां पर पुलिस कमिश्नरी के बड़े-बड़े अधिकारी आईपीएस एवं प्रशासनिक अधिकारी के पद पर आधार दर्जन आईएएस अधिकारीयों की फौज तैनात है इसके बावजूद भी गुरुग्राम जैसे साइबर सिटी में अवैध रूप से नशा मुक्ति केंद्र बिना किसी के दर से चल रहा था।
कौन वसूलत था लाखों रुपए प्रतिमा
अवैध रूप से नशा मुक्ति केंद्र को चालवाने के नाम पर आखिरकार कौन दमदार अधिकारी या नेता इसे प्रतिमा लाखों रुपए वसूलत था जिसके चलते बिना किसी डर से यह नशा मुक्ति केंद्र धरालय से चल रहा था कई सालों से चल रहा था लेकिन आखिरकार मुख्यमंत्री के उड़न दस्ते ने छापामारी कर प्रशासनिक अधिकारियों की पोल खोल कर रखती।