गुरुग्राम 7अक्टूबर, स्थानीय राजीव नगर स्थित अखंड परमधाम गुफा वाले शिव मंदिर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के पहले दिन 121 महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। इस कलश यात्रा में महामंडलेश्वर साध्वी आत्म चेतना गिरी जी महाराज ने श्रद्धालुओं के साथ श्रीमद्भागवत पुराण को शिरो धारण कर यात्रा में भाग लिया। गौशाला स्थित शिव मंदिर से गुफा वाला शिव मंदिर तक निकली गई इस कलश यात्रा में ढोल नगाड़े के साथ-साथ आतिशबाजी का प्रदर्शन भी किया गया सैकड़ो की संख्या में महिला और पुरुषों ने नाच गाकर शोभा यात्रा के आनंद लिया।
7 अक्टूबर से शुरू की गई यह भागवत सप्ताह स्थानीय राजीव नगर गुफा वाले मंदिर में 7 दिन तक चलेगी । व्यास गद्दी पर विराजित महामंडलेश्वर ने कलश यात्रा के पश्चात कथा के पहले दिन बताया की भगवत अवतार वेद वेद व्यास जी ने सहस्त्र पुराणों की रचना के पश्चात भी जब आशुतोष प्राप्त नहीं किया तो उन्होंने देव ऋषि नारद जी के उपदेश से श्रीमद्भागवत पुराण की रचना की । उन्होंने अपनी कथा में बताया कि श्रीमद्भागवत पुराण में प्रभु की लीलाओं का वर्णन किया गया है ।अतः श्रीमद्भागवत पुराण भक्तों को अनंत सुखदाई पुराण है। यह पुराण महाभारत, ब्रह्म सूत्र ,व्यास स्मृति आदि वेदव्यास जी की कृतियां है ।
विश्व विख्यात यह पुराण मनुष्यों को विशेष लाभकारी है
व्यास पीठ पर विराजित महामंडलेश्वर साध्वी आत्म चेतना गिरि जी महाराज ने श्रीमद् भागवत माहात्म्य के विषय में बताया कि विश्व विख्यात यह पुराण मनुष्यों को विशेष लाभकारी है। जो मनुष्य प्रतिदिन भागवत पुराण का पाठ करता है उसे एक-एक अक्षर के उच्चारण के साथ कपिला गौ दान देने का पुण्य होता है । जो मनुष्य अपने घर में वैष्णव शास्त्रों की पूजा करते हैं वह सब पापों से मुक्त होकर देवताओं द्वारा वंदित होते हैं।
उन्होंने कहा कि इस कलयुग में यह शास्त्र सबसे लाभदायक है जो लोग विष्णु भक्त पुरुष को वह हजारों कल्पों तक बैकुंठ को प्राप्त होते हैं
श्रीमद्भागवत पुराण व गणेश जी की पूजा अर्चना की
इससे पूर्व पांच विद्वानों ने यजमानों द्वारा श्रीमद्भागवत पुराण व गणेश जी की पूजा अर्चना की करवाई गई। गुफा वाला मंदिर सेवा समिति के प्रधान मुकेश सतीजा ने बताया कि शनिवार, 7 अक्टूबर से शुरू किया गया यह ज्ञान यज्ञ 13 अक्टूबर तक प्रतिदिन 3:00 से 6:00 बजे तक मंदिर परिसर में होगा और 14 अक्टूबर को प्रातः 8:00 यज्ञ संकीर्तन एवं संत प्रवचन के पश्चात एक विशाल भंडारा होगा