पूरा श्रेय हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को जाता है
दो एचसीएस के अलावा दो आईएएस जेल की सलाखों के पीछे एक आईएएस जमानत पर
चंडीगढ़ 13 अक्टूबर। हरियाणा प्रदेश में लगातार एंटी करप्शन ब्यूरो भ्रष्ट अधिकारियों को जेल की सलाखों के पीछे भेज रहा है वही जिससे हरियाणा प्रदेश के पुलिस अधिकारी एवं आईएएस अधिकारियों में भी भय का माहौल बन चुका है वही हरियाणा जेल के दो जेल सुपरिंटेंडेंट सहित एक पुलिस के डीएसपी तथा दो आईएएस निशाने पर बताई जा रहे हैं। जिसको जल्द ही एंटी करप्शन ब्यूरो गिरफ्तार कर सकती है।
जयवीर आर्य सहित दहिया पर काफी समय से सर्च कर रही थी एंटी करप्शन ब्यूरो
नहीं आई कोई सिफारिश कम जाना पड़ा जेल
एंटी करप्शन ब्यूरो से पिछले तीन माह से हरियाणा सरकार में आईएएस विजय सिंह दहिया अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए जहां जोड़-तोड़ शुरू कर रहे थे वही एंटी करप्शन ब्यूरो की नजर से दूरी बनाई हुई थी लेकिन कोई भी सिफारिश एंटी करप्शन ब्यूरो के सामने नहीं चल पाई और आखिरकार उन्हें जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा। वहीं दूसरी ओर अपने आप को ईमानदार की श्रेणी में रखने वाले आईएएस अधिकारी जयवीर सिंह आर्य भी आखिर भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सलाखों के पीछे चले गए इतना ही नहीं कई जेल सुपरिंटेंडेंट एंटी करप्शन ब्यूरो से भगोड़े हो गए थे एक अतिरिक्त सुपरहिट ने तो सुसाइड कर लिया था लेकिन अभी भी कई जेल के सुपरहिट एंटी करप्शन ब्यूरो के निशाने पर बताई जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर हरियाणा में पुलिस के डीएसपी सहित दो और आईएएस अधिकारियों पर एंटी करप्शन ब्यूरो की नजर बताई जा रही है जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा जयवीर सिंह आर्य पर एंटी करप्शन ब्यूरो की काफी समय से नजर बनी हुई थी और एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी लगातार जयवीर सिंह आर्य को फॉलो कर रहे थे , आखिरकार अपने आप को ईमानदार की श्रेणी में लाकर खड़ा करने वाले जयवीर सिंह आर्य एंटी करप्शन ब्यूरो के हाथों गिरफ्तार हो गए जिससे अब हरियाणा प्रदेश में एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक अलग ही पहचान बनाई है और इसका पूरा श्रेय हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को जाता है 2023 के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो एंटी करप्शन ब्यूरो ने अधिकतर बड़े अधिकारियों को भ्रष्टाचार में लिफ्ट गिरफ्तार किया है या उन पर लगे हुए गंभीर आरोप को देखते हुए हिरासत में लेकर जेल की सलाखों के पीछे भेजा है यहां तक की एसपीएस एवं एसीएस अधिकारी भी एंटी करप्शन के निशाने पर रहे और वह भी आज जेल की सलाखों के पीछे है और कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की जमानत हो गई है।