हरियाणा ,साथियों शहर के चौराहों पर भीख मांगते और ढाबों पर वर्तन साफ करते हुए छोटे छोटे बच्चों और किशोरों को जरूर देखा होगा। सम्भव है, इन बच्चों को देखकर आपका मन भी जरूर बेहद दुखी होता होगा। ऐसे में आप दस पांच रुपये देकर कई बार उनकी मदद भी जरूर करते होंगे। इससे ज्यादा कुछ न कर पाने के कारण आप अपना मन मसोस कर रह जाते होंगे। क्योंकि आपकों अपने परिवार का पालन पोषण भी करना होता है। लेकिन उस समय आपके मन में एक सवाल जरूर उठता होगा कि आखिर सरकार इन बच्चों की तरफ क्यों ध्यान नहीं देती। ऐसा नहीं है कि है कि सरकार इन निराश्रित बच्चों की तरफ ध्यान नहीं देती। आपकों सुनकर हैरानी होगी कि सरकार ऐसे बच्चों को शिक्षा के लिए बकायदा पेंशन भी दी जाती है।
एक जनवरी 2014 को बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया था
निराश्रित बच्चों को पेंशन देने की योजना हरियाणा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने वर्ष 2009 में शुरू की थी। उस समय ऐसे बच्चों को 200 रुपये मासिक पेंशन दी जाती थी। जिसे एक जनवरी 2014 को बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया था। लेकिन आप समझ सकते हैं कि इतनी काम राशि से इन निराश्रित बच्चों कुछ भी भला होना सम्भव नहीं था। ऐसे इन मासूम बच्चों की स्थिति जस की तस बनी हुई थी। सम्भव है उस समय की सरकार ने और संबंधित अधिकारियों ने इस बात भी ध्यान नहीं दिया होगा।
पैदल सडक़ों पर चलते हुए इन बच्चों की दयनीय हालत को काफी नजदीक से देखा है
बच्चों की हालत को देखकर आपका और हमारा मन दुखी होता है
जैसे इन बच्चों की हालत को देखकर आपका और हमारा मन दुखी होता है। ठीक वैसे ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल का भी दिल जरूर दुखा होगा। क्योंकि मुख्यमंत्री बनने से मनोहर लाल ने भी स्कूटर पर या पैदल सडक़ों पर चलते हुए इन बच्चों की दयनीय हालत को काफी नजदीक से देखा है। वैसे तो मुख्यमंत्री बनते ही मनोहर लाल अंतिम पक्ति तक खड़े हर व्यक्ति का कल्याण करने का फैसला लिया ही था। गरीब वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए उन्होंने अनेक परियोजनाओं को लागू किया। ताकि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति परेशान न रहे। इसी के साथ ही उन्होंने इन बच्चों की तरफ विशेष ध्यान दिया। उन्हें लगा कि सरकार द्वारा निराश्रित बच्चों को दी जाने वाली पेंशन काफी कम है। इसलिए उन्होंने खुद को इन बच्चों का अभिभावक मानते हुए इस राशि में निरंतर वृद्घि करने का फैसला लिया। उन्होंने वर्ष 2016 में 700 रुपये, वर्ष 2018 में 1100 रुपये, वर्ष 2020 में 1350 और वर्ष 2021 में बढ़ा कर 1600 रुपये कर दी थी। यह सिलसिला यहीं नहीं रूका। वर्ष 2023 में यह राशि बढ़ाकर 1850 रुपये कर दी है। जिसे भविष्य में इसी तरह से बढ़ाया जाता रहेगा। हालांकि यह राशि भी बहुत ज्यादा नहीं है। लेकिन इन पैसों से निराश्रित बच्चों की शिक्षा और संबंधित अन्य जरूरतें काफी हद तक पूरी हो सकती हैं।
मासिक पेंशन मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा उन बच्चों को दी जा रही है
दोस्तों यह मासिक पेंशन मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा उन बच्चों को दी जा रही है, जो बच्चे माता पिता की मृत्यु होने, माता पिता के मानसिक अथवा शारीरिक रूप से अक्षम होने, अपने घर में दो वर्ष से अनुपस्थित होने या फिर माता पिता को एक वर्ष से अधिक की सजा होने पर देखभाल से वंचित रह जाते हैं। पात्र बच्चा पांच साल से हरियाणा में रह रहा हो। साथ ही माता पिता अथवा अभिभावक की सभी साधनों से वार्षिक आय दो लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऐसे निराश्रित 21 वर्ष तक के बच्चों को मनोहर लाल सरकार 1850 रुपये मासिक पेंशन दे रही है। 28 मई 2023 तक प्रदेश में दो लाख, चार हजार 645 बच्चों को यह पेंशन दी जा रही है।
पेंशन दिलवाने में उनकी मदद कर अपना मन हल्का कर सकते हैं।
दोस्तों इन निराश्रित बच्चों देखकर आपका मन दुखी होता है तो आप मनोहर लाल सरकार द्वारा दी जा रही पेंशन दिलवाने में उनकी मदद कर अपना मन हल्का कर सकते हैं। यदि आपके आसपास ऐसे बच्चे हैं तो आप उनका राशन कार्ड, परिवार पहचान पत्र और वोटर कार्ड की स्वयं सत्यापित फोटोप्रति मांगे। यदि यह दस्तावेज नहीं हैं तो अन्य प्रमाण सहित पांच साल से हरियाणा में रहने का हलफनामा बनवा कर बच्चें के साथ नजदीकी अंत्योदय सरल केंद्र, अटल सेवा केंद्र अथवा सीएससी केंद्र में जाकर पेंशन के लिए उनका आवेदन करवा सकते हैं।