गाजियाबाद , रीजन की एनसीआर में संचालित सभी डीजल बसों का संचालन अगले साल जून तक पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। डीजल बसों के दिल्ली में प्रवेश पर 1 नवंबर से रोक लग जाएगी। इन्हें बीएस 6 व सीएनजी बसों में बदला जा रहा है। वायु प्रदूषण प्रबंधन आयोग ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के अधिकारियों के साथ बैठक कर यह फैसला लिया है एनसीआर में प्रदूषण का कारण डीजल बसों के संचालक को माना जा रहा है जिसकी रोकथाम के लिए वायु प्रदूषण प्रबंधन आयोग बसों को बंद करने के लिए परिवहन निगम के साथ लगातार बैठक कर रहा है। अब यह फैसला लिया गया है कि सभी डीजल बसों का संचालन एनसीआर में पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। इसके लिए तीन श्रेणियां में बांटकर बसों को बंद करने के लिए कहा गया है। अगले वर्ष 30 जून तक सभी बसों का संचालन बंद पूर्णता बंद कर दिया जाएगा।
अधिकारियों के लिए निर्धारित समय तक बसों को बदलना चुनौती
जिससे प्रदूषण काफी हद तक काम होगा। परिवहन निगम के अधिकारियों के लिए निर्धारित समय तक बसों को बदलना चुनौती होगी। यूपीएसआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक के श्री नंदन चौधरी ने बताया कि एक नवंबर से डीजल बसें दिल्ली में प्रवेश नहीं करेंगे। दिल्ली के लिए डीजल से संचालित बसों को बदलकर बीएस 6 बसों को भेजा जाएगा। इसके अलावा अन्य बसों को निर्धारित समय तक बदलने की तैयारी शुरू कर दी गई है। गाजियाबाद की तरफ से मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी गई है। गाजियाबाद रीजन में करीब 505 डीजल बसों का संचालन होता है। इन बसों के संचालन पर दिल्ली में एनसीआर में रोक लगने पर इन्हें अन्य जिलों में भेजा जाएगा। इनमें ऐसे जिले होंगे जहां वायु प्रदूषण की समस्या नहीं है। परिवहन निगम के अधिकारियों का कहना है कि जिन बसों में प्रदूषण नहीं फैलता उन्हें दिल्ली में चलने पर किसी तरह की कोई रोकथाम नहीं रहेगी। डीजल बसों के विकल्प में सीएनजी पर बीएस 6 बसों को चलाया जाएगा। इन बसों से बहुत कम प्रदूषण फैलता है। निर्धारित तिथि तक सभी बसों को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।