हरियाणा गठन के 57वें वर्ष पर आयोजित अंत्योदय महासम्मेलन में पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
महिलाओं की रही बड़ी भागेदारी, 17 में से 5 प्रवेश द्वारा केवल महिलाओं के लिये
नई दिल्ली , 2 नवंबर – हरियाणा गठन की 57वीं वर्षगांठ पर करनाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम कई मायनों में अहम रहा। विगत नौ वर्षों से मुख्यमंत्री मनोहर लाल पंडित दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सिद्धांत पर चलते हुए समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को पहले पायदान पर लाने के लिये कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का यह सपना आज उस समय साकार नजर आया जब केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह अंत्योदय महासम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे।
एग्रो मॉल को हैफेड का निर्यातक हाउस के रूप में लोकार्पण किया था
हरियाणा का करनाल जिला प्रदेश का सबसे अधिक पैदावार देने वाला जिला है। हरित क्रांति में अहम योगदान देने वाला यह जिला अब श्वेत क्रांति की ओर भी अग्रसर है। यहां के मत्स्य पालक सुलतान सिंह को पदम श्री पुरस्कार से भी नवाजा गया है। सहकारिता के क्षेत्र में भी यह जिला नई बुलंदियां छू रहा है। पिछले दिनों सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ही यहां एग्रो मॉल को हैफेड का निर्यातक हाउस के रूप में लोकार्पण किया था। अब हैफेड के सभी उत्पाद एक ही छत के नीचे आ गये हैं और उनका निर्यात संभव हुआ है।
एक बार फिर अमित शाह यहां सेक्टर चार में आयोजित अंत्योदय महासम्मेलन में पहुंचे और लोगों की विशेषकर महिलाओं की उपस्थिति देखकर गदगद नजर आये। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अंत्योदय की भावना से जनसेवा करने के लिये पीठ भी थपथपाई। इससे आने वाले चुनावों के लिये भी अमित शाह स्पष्ट संदेश दे गये कि मनोहर लाल ही पार्टी की पसंद हैं।
अंत्योदय महासम्मेलन भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल के लिये अग्रि परीक्षा से कम नहीं है, जब 2014 में पहली बार 26 अक्तूबर को मुख्यमंत्री का दायित्व सौंपा था तो उस समय एकाएक ही 22 जनवरी 2015 को ऐतिहासिक नगरी पानीपत में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं, राष्टï्रव्यापी अभियान की शुरूआत करने की जिम्मेवारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सौंप दी थी। सरकारी प्रयासों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों, प्रबुद्घ व्यक्तियों व खापों के सहयोग से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं अभियान सफल हुआ और हरियाणा में लिंगानुपात उस समय एक हजार लडक़ों के पीछे 861 लड़कियों का था जो अब बढक़र 922 हो गया है। यह समाज में लड़कियों के प्रति सकारात्मक सोच का परिणाम है। कभी हरियाणा के नाम पर कन्या भ्रूण हत्या का कलंक था उसको मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने धोया है। आज हरियाणा की बेटियां हर क्षेत्र में लोहा मनवा रही है। खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य का क्षेत्र हो या विज्ञान तकनीक का, चंद्रयान-3 में भी हरियाणा की बेटियों ने अहम योगदान रहा है।
अंत्योदय महासम्मेलन में महिलाओं की भागेदारी देखने को मिली। कुल 17 में से 5 प्रवेश द्वार केवल महिलाओं के लिये बनाये गये थे। पांचों पर प्रवेश के लिये महिलाओं की लंबी कतारें लगी रहीं। महिला पुलिस कर्मियों में भी आगंतुक महिलाओं के लिये प्रवेश करवाने में उत्सुकता देखने को मिली। लाभार्थियों के साथ-साथ कुछ महिलाएँ तो चूल्हा चौकी का निपटा कर केंद्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को सुनने पहुंची थी। मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम में भी महिलाओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही है। कुछ महिलाओं का कहना था कि उनके पड़ोस के गांव व शहर में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का जनसंवाद कार्यक्रम हुआ था उस समय किसी कारणवश मुख्यमंत्री को सुनने नहीं पहुंच सकी थी। इसलिये आज कुछ संगिनियों के साथ यहां पहुंची हैं। पहली बार 50 प्रतिशत से अधिक पंचायती राज संस्थाओं में पढ़ी लिखी महिलाओं की भागीदारिता मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल प्रयासों से संभव हुई है। जनसंवाद कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री के साथ मंच सांझा कर महिला सरपंच खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। आज अंत्योदय महासम्मेलन भी मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम से कम नहीं है और बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लेकर समाज में संदेश दिया है कि वे अब घूंघट की आड़ में चूल्हा चौकी तक सीमित नहीं है बल्कि हर क्षेत्र में पुरूषों के मुकाबले आगे हैं। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने महिलाओं को ऐसा अवसर प्रदान किया है, इसके लिये कई महिलाओं ने खुले मन से सीएम की तारीफ की। कुछ का कहना था कि मुख्यमंत्री ने पढ़ी लिखी पंचायत देने के लिये सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ाई लड़ी, यह देश में किसी से छिपा नहीं है।