भारत देश में दीवाली पर पटाखे चलाने की परंपरा है
हमारे देश में दीवाली पर पटाखे चलाने की परंपरा है परंतु पिछले कुछ वर्षों से बढ़ते प्रदूषण के कारण कई राज्यों में इस पर रोक लगा दी गई है | इस बार दीवाली से पहले पटाखों के बैन लगाने बारे माननीय सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश जारी किया है | मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने साफ कर दिया है कि पटाखों को लेकर जारी दिशानिर्देश सभी राज्यों में लागू होंगे | कोर्ट ने यह भी कहा कि यह राज्य सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि वे वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए सख्त कदम उठाएँ |
पूरे भारत में पटाख़े चलाने पर प्रतिबन्ध है
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह साफ़ कर दिया है कि पूरे भारत में पटाख़े चलाने पर प्रतिबन्ध है परन्तु यह राज्य सरकारों की ज़िम्मेदारी है कि वह अपने-अपने राज्यों में सही तरह से नियम एवं कानून को लागू करें तथा यदि किसी राज्य में पटाख़े पूरी तरह से बैन हैं तो वहां भी पटाख़े नहीं चलाये जा सकते । यदि किसी राज्य में ग्रीन पटाखों पर प्रतिबंद नहीं है तो वहां ग्रीन पटाख़े चलाये जा सकते हैं । हालांकि सरकार का प्रयास है कि पटाख़ों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाये |
लोगों को स्वयम भी इस बारे ज़िम्मेदारी बरतने की आवश्यकता है
पटाख़ों पर बैन के मामले की सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने की जिम्मेदारी सिर्फ कोर्ट की ही नहीं है बल्कि सभी लोगों की भी है और सभी को पहले से अधिक सख्ती बरतने की आवश्यकता है | इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि आजकल बच्चों से ज्यादा तो बड़े पटाखें चलाते हैं, जो कि पर्यावरण के लिए अच्छा संकेत नहीं है | इसके साथ ही कोर्ट ने सभी राज्यों की सरकारों को वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण पर भी लगाम लगाने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं |