Tuesday, September 24, 2024

अमेरिकी मशीनों से सुरंग में 30 मीटर ड्रिलिंग, उत्तरकाशी में 40 जिंदगियां बचाने उतरे इंटरनेशनल ड्रिलिंग एसोसिएशन के एक्सपर्ट 

उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अमेरिकन ऑगर मशीन के जरिए तेजी से खुदाई की जा रही है. मशीन आज सुबह तक 30 मीटर टनल की कटाई कर चुकी है. हालांकि, कुल 45 से 60 मीटर तक कटाई की जानी है. 

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल हादसे के बाद पहुंची अमेरिकी ऑगर मशीन ने शुक्रवार सुबह तक 30 मीटर ड्रिलिंग कर ली है. बताया जा रहा है कि 6-6 मीटर के 5 पाइप मलबे के अंदर डाल दिए गए हैं. आगे 30 से 40 मीटर की खुदाई कुछ आसान होने की उम्मीद है. दरअसल, सुबह 4 बजे एक पत्थर आने की वजह से मिशन रुक गया था, लेकिन डायमंड कटर या डायमंड बिट मशीन की मदद से उसे काट दिया गया 

हालांकि, अब भी करीब 30 मीटर तक खुदाई बाकी है. ऑगर मशीन को गुरुवार को इंस्टाल किया गया था, जिसके बाद ड्रिलिंग मशीन ने गुरुवार रात तक 12 मीटर मलबा हटा दिया था. अमेरिकी मशीन के उत्तरकाशी पहुंचने के बाद सुरंग के बाहर एक छोटी सी पूजा का आयोजन भी किया गया था.

हादसे के बाद ड्रिलिंग के जरिए मलबा हटाने के लिए पहले एक छोटी मशीन को लगाया गया था. इसके बाद IAF के C-130 हरक्यूलिस विमान से बुधवार को अमेरिकन ऑगर मशीन के पार्ट्स को दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाया गया. दिल्ली से पहुंची 25 टन की इस मशीन का सेटअप रातोंरात कर लिया गया और फिर तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन में इस मशीन का सेटअप रातोंरात कर लिया गया और फिर तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन में इसे इस्तेमाल किया जाने लगा.

टनल के बाहर तैनात हैं 10 एंबुलेंस

रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच टनल के बाहर 6 बिस्तरों वाला एक अस्थायी हॉस्पिटल भी तैयार किया गया है. टनल से मजदूरों के निकलने के बाद उन्हें तुरंत मेडिकल सुविधाएं मिल सकें इसलिए टनल के बाहर 10 एंबुलेंस भी तैनात की गई हैं. दरअसल, डॉक्टरों ने सलाह दी है कि टनल से निकलने के बाद श्रमिकों को मानसिक-शारीरिक मार्गदर्शन की जरूरत होगी.

एक्सपर्ट्स ने बताया श्रमिकों का हाल

मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि लंब समय तक बंद जगह  पर फंसे रहने के कारण पीड़ितों को घबराहट का अनुभव करना पड़ रहा होगा. इसके अलावा ऑक्सीजन की कमी और कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता के कारण भी उनके शरीर पर विपरीत असर पड़ सकता है. ऐसी भी आशंका है कि लंबे समय तक ठंडे और भूमिगत तापमान में रहने के कारण उनहें हाइपोथर्मिया भी हो सकता है और वे बेहोश हो सकते हैं.

टनल एसोसिएशन के चीफ करेंगे मदद

इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर दुनिया के कई देशों की भी नजर है. अब इंटरनेशनल टनलिंग और अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स ने भी इस ऑपरेशन में मदद करने की इच्छा जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि वह बचाव कार्य पर करीब से नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने आगे कहा कि अगर बचाव कार्य प्रभावी नही रहता है तो वह अपने सभी सदस्य देशों की तरफ से मदद करने के लिए भारत में तैनात रेहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि भारत भारत दुनिया के अग्रणी सुरंग निर्माता देशों में से एक है. यह बेहद गंभीर मामला है. 40 जिंदगियां बड़े खतरे में हैं.

पाइप के जरिए निकाले जाएंगे

बता दें कि टनल में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम अलग रणनीति को लेकर काम कर रही है. टीम का यह प्लान है कि वह मलबे में ड्रिलिंग करके वहां 900 मिमी व्यास वाले पाइप उसमें फिट कर देगी. इस पाइप के जरिए ही सभी मजदूरों को वहां से निकाल लिया जाएगा.

Latest Videos

आपकी राय

[poll id="2"]

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

You cannot copy content of this page

Verified by MonsterInsights