गुरु पूर्णिमा पर गढ़ में गंगास्नान, लोगों ने लगाई श्रद्धा की डूबकी
महाभारत काल से दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए हापुड़ जनपद की गढ़ गंगा में लाखो लोगो ने पहुंचकर दीपदान कर गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। अपने सगे संबंधी और परिजनों से बिछडे लोगो को याद कर लोगो की आँखे नम हो गयी। इस परंपरा को निभाते वक्त गंगा घाट ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे आकाश से तारे धरती पर उतर आए हों। कई राज्यों के लाखो श्रद्धालु गढ़ गंगा में दीपदान करने आये थे जिन्होंने अपने पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए गंगा में दीपदान किया। ऐसा माना जाता है महाभारत युद्ध में मारे गए हजारों सैनिक और असंख्य योद्धाओं की आत्मा की शांति के लिए भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों की मौजूदगी में सर्वप्रथम चतुर्दशी को दीपदान किया था, तब से यह परंपरा चल रही है। तीर्थनगरी में सूर्यास्त होते ही परिजनों द्वारा दीपदान करने का सिलसिला शुरू हो गया जो देर रात तक चलता रहा बाद में धार्मिक अनुष्ठान करते हुए पिंडदान किया गया। अपनों के बीच से बिछड़ों की याद में दीपदान करते समय आंखें भर आईं।