आठ प्रदेशों के छह सौ चिकित्सक रामभक्तों को देंगे सेवा, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन डॉक्टरों से साध रही संपर्क
अयोध्या| 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा में स्वास्थ्य सेवा देने के लिए गूगल फार्म भराने की प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है। इसके माध्यम से अब तक करीब आठ प्रदेशों के छह सौ चिकित्सकों ने फार्म भरा है। इनकी सूची एक दो दिनों में तैयार हो जाएगी। इसकी जिम्मेदारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की चिकित्सक समन्वयक समिति के पदाधिकारी को सौंपी गई है।
22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा में स्वास्थ्य सेवा देने के लिए गूगल फार्म भराने की प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है। इसके माध्यम से अब तक करीब आठ प्रदेशों के छह सौ चिकित्सकों ने फार्म भरा है। इनकी सूची एक दो दिनों में तैयार हो जाएगी।
इसकी जिम्मेदारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की चिकित्सक समन्वयक समिति के पदाधिकारी को सौंपी गई है। सूची तैयार होने के बाद 15 जनवरी से 25 फरवरी तक सेवा देने के लिए पास बनाया जाएगा। वहीं सहयोग में लगी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) व अन्य संगठन अभी चिकित्सकों से संपर्क करने में लगे हैं।
फरवरी माह तक लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है
रामनगरी में 22 जनवरी से पूर्व तथा फरवरी माह तक लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है। इस बीच ठंड का मौसम होने के कारण श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य व चिकित्सा व्यवस्था को लेकर नवंबर माह से तैयारी की जा रही है।
इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय जैन जहां अपनी तरफ से मेडिकल कैंप से लेकर चिकित्सक और एंबुलेंसों की व्यवस्था में लगे हैं तो वहीं ट्रस्ट की चिकित्सक समन्वय समिति में शामिल डॉ पीयूष गुप्त, डॉ एसपी बंसल, डॉ मनोज कुमार सिंह, डॉ उपेंद्रमणि त्रिपाठी और डॉ पंकज श्रीवास्तव भी देश भर के मेडिकल कालेज और अस्पतालों के चिकित्सकों से सेवा देने के लिए संपर्क कर रहे हैं।
आइएमए से जुड़े 175 चिकित्सकों ने जतायी इच्छा
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ मंजूषा पांडेय ने बताया कि एसोसिएशन की डॉ सईदा रिजवी समेत 186 पंजीकृत चिकित्सकों में से 175 ने सेवा देने के लिए इच्छा जाहिर की है। इसके अलावा देश के कोने -कोने से सेवा देने आ रहे चिकित्सकों को अगर रहने की समस्या सामने आती है तो उनको एसोसिएशन की तरफ से अपने-अपने अस्पतालों में व्यवस्था देने की तैयारी की जा रही है। उन्हाेंने बताया कि श्रद्धालुओं के अस्वस्थ होने पर अस्पताल में बेड और इलाज निश्शुल्क देने पर भी चर्चा चल रही है