02 जनवरी| सर्दियां अपने चरम पर है और इस समय शरीर को जमा देने वाली ठंड पड़ रही है। ऐसे में फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ता है और कुछ बीमारियां जैसे निमोनिया, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस ट्रिगर करता है। बात सिर्फ अगर निमोनिया की करें तो, इस समय दुनिया में इसके एक गंभीर प्रकार पर चर्चा हो रही है। दरअसल, न्यू इंग्लैंड में लीजियोनेयर्स जो कि निमोनिया का सबसे खतरनाक प्रकार है इससे दो लोगों की मौत हो चुकी है। खबर ये भी है कि ये एक व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार होने के कारण अस्पताल में भर्ती भी है। तो, आइए जानते हैं लीजियोनेयर्स क्या है, इसके कारण और लक्षण। जानें इसके कारण और लक्षण
लीजियोनेयर्स क्या है
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, लीजियोनेयर्स रोग एक गंभीर प्रकार का निमोनिया है जो लीजियोनेला बैक्टीरिया के कारण होता है। लीजियोनेला बैक्टीरिया तब फैलता है जब कोई दूषित पानी की छोटी बूंदों को अंदर लेता है, जो आमतौर पर ह्यूमिडिफायर और एयर कंडीशनिंग सिस्टम और यहां तक कि पीने के पानी में भी पाया जाता है। आमतौर पर ऐसा पानी होटल, अस्पतालों और सप्लाई से भी आ सकता है और आसानी से आपको संक्रमित कर सकता है। जो लोग लीजियोनेला बैक्टीरिया के संपर्क में आने के बाद बीमार हो जाते हैं, उनमें दो अलग-अलग बीमारियां विकसित हो सकती हैं, लीजियोनेयर्स रोग और पोंटियाक बुखार।
लीजियोनेयर्स के लक्षण
लीजियोनेयर्स का बैक्टीरिया मकड़ी की जाल की तरह फेफड़े को जकड़ लेता है और आपको फ्लू जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं जो कि समय के साथ गंभीर रूप ले सकते हैं। जैसे
सिरदर्द
मांसपेशियों में दर्द
बहुत ज्यादा खांसी
बुखार
सांस लेने में कठिनाई
इन लोगों को रहना चाहिए सतर्क
ये ज्यादातर कमजोर फेफड़े वाले लोगों को को सबसे पहले ट्रिगर करता है। जिन लोगों को क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), श्वसन संबंधी समस्याएं जैसे पहले से ही निमोनिया, अस्थमा या फिर ब्रोंकाइटिस हो उन्हें इससे बचकर रहना चाहिए। साथ ही धूम्रपान जैसी खराब आदतों वाले लोगों को भी सतर्क रहना चाहिए और लक्षण नजर आते ही डॉक्टर को दिखाएं।