महाराष्ट्र, 10 जनवरी 2024| में उद्धव ठाकरे से बगावत करके मुख्यमंत्री बनने वाले एकनाथ शिंदे की कुर्सी बच गई है। साथ ही शिंदे गुट के विधायकों के भी बड़ी राहत मिली है। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में बुधवार को फैसला सुना दिया। स्पीकर ने एकनाथ शिंदे को असली शिवसेना मानते हुए उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से दायर की गई विधायकों की अयोग्यता के मामले में फैसला शिंदे गुट के हक में दिया है।
राहुल नार्वेकर क्या बोले?
राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना के 2018 संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। रिकॉर्ड के अनुसार मैंने वैध संविधान के रूप में शिवसेना के 1999 के संविधान को ध्यान में रखा है। शिवसेना के 2018 के संविधान पर विचार करने की उद्धव ठाकरे गुट की दलील स्वीकार नहीं की जा सकती। राहुल नार्वेकर ने कहा कि मेरे विचार में 2018 नेतृत्व संरचना (ईसीआई के साथ प्रस्तुत) शिवसेना संविधान के अनुसार नहीं थी। पार्टी संविधान के अनुसार शिवसेना पार्टी प्रमुख किसी को भी पार्टी से नहीं हटा सकते हैं। इसलिए उद्धव ठाकरे ने पार्टी संविधान के अनुसार एकनाथ शिंदे या पार्टी के किसी भी नेता को पार्टी से हटा दिया। इसलिए जून 2022 में उद्धव ठाकरे द्वारा एकनाथ शिंदे को हटाना शिवसेना संविधान के आधार पर स्वीकार नहीं है।
‘याचिका को स्वीकार नहीं कर सकते’
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि दोनों पार्टियों द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए संविधान पर कोई सहमति नहीं है। दोनों दलों के नेतृत्व संरचना पर अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। मुझे विवाद से पहले मौजूद नेतृत्व संरचना को ध्यान में रखते हुए प्रासंगिक संविधान तय करना होगा। शिवसेना का संविधान नेतृत्व संरचना की सीमा की पहचान को लेकर प्रासंगिक है। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में शिव सेना का संविधान वास्तविक संविधान है, जिसे शिवसेना का संविधान कहा जाएगा। याचिकाकर्ता के इस तर्क को स्वीकार नहीं कर सकते कि 2018 के पार्टी संविधान पर निर्भर किया जाना चाहिए।
राहुल नार्वेकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट ने रिकॉर्ड पर कोई सामग्री नहीं रखी है या यहां तक कि यह भी सुझाव नहीं दिया है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की कोई बैठक बुलाई गई थी जहां वास्तविक राजनीतिक दल के बारे में कोई निर्णय लिया गया था। 2018 का नेतृत्व ढांचा शिवसेना के संविधान के अनुरूप नहीं था। इस नेतृत्व ढांचे को यह निर्धारित करने के लिए मानदंड के रूप में नहीं लिया जा सकता है कि कौन सा गुट वास्तविक शिव सेना है। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि 21 जून 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी गुट बना तब शिंदे गुट ही असली शिवसेना राजनीतिक दल था। स्पीकर ने अपने फैसले में कहा कि विधानसभा में शिंदे गुट को शिवसेना के 55 में से 37 विधायकों का समर्थन था।