प्राण प्रतिष्ठा: गुजरात से 108 फीट लंबी अगरबत्ती पहुंची अयोध्या, पूरी रामनगरी में फैलेगी खुशबू
अयोध्या 16 जनवरी 2024| गुजरात से आई 108 फीट लंबी अगरबत्ती मंगलवार को जलाई गई श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने नए बस अड्डे के पास अगरबत्ती को प्रज्वलित किया। इस अगरबत्ती के सुगंध से रामनगरी महकने लगी है। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र टेस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि राम मंदिर निर्माण से राष्ट्र मंदिर की परिकल्पना मूर्त रूप ले रही है। सदियों का संघर्ष साकार हो रहा है हम सभी इसके साक्षी बने हैं। अगरबत्ती का वजन 3610 किलो है और यह 3.5 फ़ीट चौड़ी है। यह अगरबत्ती 50 किलोमीटर के क्षेत्र को सुगंधित करेगी।
25 वाद्य यंत्रों की धुन से रामलला का अभिनंदन किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश की पखावज, बांसुरी और ढोलक, कर्नाटक की वीणा, महाराष्ट्र की सुंदरी, पंजाब की अलगोजा, उड़ीसा की मर्दल, मध्य प्रदेश की संतूर, मणिपुर की पुंग, असम की नागरा, काली, छत्तीसगढ़ की तंबूरा, बिहार की पखावज, शहनाई दिल्ली। , राजस्थान का रावणहत्था, पश्चिम बंगाल का श्रीखोल, सरोद, आंध्र प्रदेश का घाटम, झारखंड का सितार, गुजरात का संतर, नागस्वरम, तमिलनाडु का ताविल और मृदंगम, उत्तराखंड का हुडा।
प्राण प्रतिष्ठा में होंगे 12 अधिवास
16 जनवरी- प्रायश्चित एवं कर्मकुटी पूजन
17 जनवरी – मूर्ति का परिसर प्रवेश
18 जनवरी – तीर्थपूजन एवं जलयात्रा, जलाधिवास व गंधाधिवास
19 जनवरी-औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, धान्याधिवास
20 जनवरी- शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास,
21 जनवरी- मध्याधिवास, सांयकाल शैय्याधिवास
ये परंपराएं बनेंगी समारोह की साक्षी
सम्मिलित होने वाली परंपराओं में शैव, वैष्णव, शाक्त, गणपत्य, पत्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निंबार्क, मद्धव, विष्णु नामी, रामसनेही, घीसा पंथ, गरीबदासी, गौड़ीया, कबीरपंथी, वाल्मीकि, असम से शंकरदेव, माधवदेव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मशीन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद, ठाकुर परंपरा, उड़ीसा का महिमा समाज, पंजाब से अकाली, निरंकारी, नामधारी, राधास्वामी व स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव आदि हैं।
20-21 जनवरी को बंद रहेंगे दर्शन
चंपत राय ने बताया कि 20-21 जनवरी को श्रीराम लला के दर्शन बंद नहीं होंगे। भगवान का दर्शन, पूजन, आरती, भोग, शयन, जागरण पुजारी कराएंगे। अंदर जितने लोग रहते हैं वो उपस्थित रहेंगे। अभी 25 से 30 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं वो 20-21 जनवरी को भगवान के दर्शन नहीं कर सकेंगे, ताकि अंदर की व्यवस्थाओं को सरलता से पूर्ण किया जा सके। 23 से नए विग्रह का दर्शन आम जनमानस के लिए खोल दिया जाएगा।
50 देशों से आ रहे 53 प्रतिनिधि
चंपत राय ने बताया कि दुनिया के 50 देशों से एक-एक व्यक्ति को श्रीरामलला के दर्शन के लिए आमंत्रित किया है। एक देश एक रिप्रजेंटेटिव के आधार पर ऐसे 50 देशों के 53 लोग आ रहे हैं। प्रयास रहेगा कि जो व्यक्ति जिस दिन आ गया, उसी दिन वो वापस जा सके। रात को रहने का दबाव उस पर न पड़े। 22 जनवरी को सभी गृहस्थों और संतों के दर्शन के पश्चात मीडिया को एंट्री देने पर विचार कर रहे हैं।
चंपत राय ने बताया कि 20-21 जनवरी को श्रीराम लला के दर्शन बंद नहीं होंगे। भगवान का दर्शन, पूजन, आरती, भोग, शयन, जागरण पुजारी कराएंगे। अंदर जितने लोग रहते हैं वो उपस्थित रहेंगे।