चंडीगढ़ , 20 मार्च
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन में एक सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में बताया कि हरियाणा शहरी क्षेत्रों का विकास और विनियमन अधिनियम, 1975 (हरियाणा अधिनियम संख्या 17, 2020 दिनांक 14.09.2020) की धारा 7-ए अनधिकृत, अवैध कॉलोनियों में स्थित नियंत्रित क्षेत्रों में स्थित संपत्तियों के पंजीकरण पर प्रतिबंध नहीं लगाती है.
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि शुरू में, इस खंड को 24 मई 1989 को कानून में पेश किया गया था, जिसके तहत यह अनिवार्य किया गया था कि एक हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल वाली खाली भूमि के टुकड़े की बिक्री या उपहार या पट्टे के लिए एनओसी आवश्यक है. इसके बाद 3 अप्रैल 2017 के संशोधन द्वारा दो कनाल से कम क्षेत्रफल वाली कृषि भूमि के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र अनिवार्य कर दिया गया. इसके अलावा, 14 सितम्बर 2020 को एक संशोधन किया गया जिसके द्वारा एक एकड़ से कम क्षेत्रफल वाली किसी भी खाली भूमि की बिक्री या उपहार या पट्टे के लिए एनओसी अनिवार्य किया गया है.
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि अधिनियम की धारा 7-ए में संशोधन से पहले हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्रों के विनियमन अधिनियम, 1975 में कोई भी सर्वेक्षण करने का प्रावधान नहीं है. धारा 7 ए के उपर्युक्त प्रावधानों में किसी भी प्रकार की भूमि जैसे कि ‘गैरमुमकिन’ को पंजीकृत करने का वर्णन नहीं है. इसके अलावा, सरकार ने अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन को छोड़कर किसी भी प्रकार की भूमि के लिए रजिस्ट्री बंद नहीं की है.
इसके अलावा उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने एक अन्य सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में बताया कि वैसे तो फिलहाल यमुनानगर से कैम्प के समीप वाया लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह से होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 344 (पंचकुला, कलानौर) तक नई सड़क का निर्माण करने का सरकार के पास कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, फिर भी अगर जरूरत है तो संबंधित विधायक सहयोग करके जमीन उपलब्ध करवा दें, उपयुक्तता मिलने पर सड़क बना दी जाएगी.