नई दिल्ली 27 जनवरी 2024। बिहार के राजनीति में लोकसभा चुनाव के नजदीक भूचाल आ गया है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बीच एक बार फिर राजनीतिक खटास बढ़ गई जिसके चलते बिहार की राजनीति एक बार फिर नई करवट ले रही है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोन के बाद भाजपा में जाने को एक बार फिर तैयार हो गए हैं मगर सूत्र बताते हैं नीतीश कुमार के विधायक बार-बार राजनीतिक पाला बदलने से खफा बताई जा रहे हैं।
आरजेडी भाजपा के विधायकों को अपनी ओर खींचने की तैयारी में
बिहार में आरजेडी एवं जेडीयू के बीच राजनीतिक तलवारे खिंच गई हैं राजद की तरफ से कहा गया है कि उनके पास निर्दलीय एवं अन्य विधायक भी है और जेडीयू के कुछ विधायक उनके संपर्क में है जिससे बिहार में अब नीतीश कुमार की सरकार बनना मुश्किल है वही जदयू के विधायक एक बार फिर भाजपा के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं सूत्र बताते हैं लालू प्रसाद के साथ नीतीश कुमार की राजनीतिक शक्तियां बिहार में कम होती जा रही थी और लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार को एक बार फिर भाजपा के आना लग रहा था जिसके चलते उन्होंने अपना पाला बदलने की सोची हुई है।
नीतीश कुमार के भाजपा में सभी दरवाजे बंद
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार में कई जनसभा में नीतीश कुमार के भाजपा में दरवाजा बंद होने की घोषणा की थी और बिहार के कई नेताओं ने कहा था कि नीतीश कुमार अगर बीजेपी आना चाहेंगे तो उनके लिए भाजपा के दरवाजे बंद है केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार पर राजनीतिक हमला बोलते हुए कहा था नीतीश कुमार नाम बिहार का भट्ठा बैठा दिया इतना ही नहीं बिहार के कई नेताओं ने नीतीश कुमार पर राजनीतिक हमले बोले थे लेकिन वही मंत्री अब नीतीश कुमार के भाजपा में आने की चर्चा से पलट रहे हैं।
मर जाऊंगा लेकिन भाजपा में नहीं जाऊंगा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस समय भाजपा से नाता तोड़ा था और राजद के साथ सरकार बनाई थी उसे समय कहा था कि मर जाऊंगा लेकिन भाजपा में नहीं जाऊंगा भाजपा खूनियों की सरकार है भाजपा ने देश का भट्ठा बैठा दिया लेकिन वही नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा को धोखा देने के बाद भाजपा के सहयोग से बिहार में जहां सरकार बनाने जा रहे हैं वहीं एनडीए में शामिल हो रहे हैं देखना यह है कि भाजपा में नीतीश कुमार के आने से भाजपा की शक्ति बढ़ती है बिहार में या घटती है यह तो लोकसभा चुनाव में ही पता चल पाएगा ।