दिल्ली, 28 जनवरी 2024| पीएम नरेंद्र मोदी ने आज रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ के 109वां एपिसोड पर देश को संबोधित किया। उन्होनें अपने रेडियो कार्यक्रम में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पर अपने अनुभव साझा किए। इसके साथ ही पीएम मोदी ने रिपब्लिक डे पर हुए महिला शक्ति के प्रदर्शन पर भी चर्चा की।
बता दें कि इस बार देश ने अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा साथियों, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर ने देश के करोड़ों लोगों को मानो एक सूत्र में बांध दिया है। सबकी भावना एक, सबकी भक्ति एक, सबकी बातों में राम, सबके हृदय में राम. 22 जनवरी की शाम को पूरे देश ने रामज्योति जलाई, दिवाली मनाई. इस दौरान देश ने सामूहिकता की शक्ति देखी, जो विकसित भारत के हमारे संकल्पों का भी बहुत बड़ा आधार है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे संविधान की मूल प्रति के तीसरे अध्याय में भारत के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का वर्णन किया गया है और ये बहुत दिलचस्प है कि तीसरे अध्याय के प्रारंभ में हमारे संविधान निर्माताओं ने भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के चित्रों को स्थान दिया था. प्रभु राम का शासन, हमारे संविधान निर्माताओं के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत था और इसलिए 22 जनवरी को अयोध्या में मैंने ‘देव से देश’ की बात की थी, ‘राम से राष्ट्र’ की बात की।
26 जनवरी की परेड और तमाम मुद्दो पर भी हुई चर्चा
मोदी ने संबोधन में कहा मैंने देश के लोगों से आग्रह किया था कि मकर संक्रांति से 22 जनवरी तक स्वच्छता का अभियान चलाया जाए. मुझे अच्छा लगा कि लाखों लोगों ने श्रद्धाभाव से जुड़कर अपने क्षेत्र के धार्मिक स्थलों की साफ़-सफाई की. मेरे प्यारे देशवासियों, इस बार 26 जनवरी की परेड बहुत ही अद्भुत रही, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा परेड में महिला सशक्तिकरण को देखकर हुई, जब कर्त्तव्य पथ पर, केंद्रीय सुरक्षा बलों और दिल्ली पुलिस की महिला टुकड़ियों ने कदमताल शुरू किया तो सभी गर्व से भर उठे।
पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि हम 29 तारीख को सुबह 11 बजे परीक्षा पर चर्चा करेंगे. परीक्षा पर चर्चा का ये 7वां संस्करण होगा। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसका मैं हमेशा इंतजार करता हूं. इससे मुझे छात्रों के साथ बातचीत करने का मौका मिलता है और मैं उनके परीक्षा सबंधी तनाव को कम करने का भी प्रयास करता हूं.पीएम मोदी ने अपने संबोधन मे आगे कहा फरवरी में आपसे फिर एक बार बात होगी। देश के लोगों के सामूहिक प्रयासों से, व्यक्तिगत प्रयासों से कैसे देश आगे बढ़ रहा है, इसी पर हमारा फोकस होगा।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज खेलों की दुनिया में भी भारत नित-नई ऊंचाइयों को छू रहा है. मुझे ख़ुशी है कि आज भारत में लगातार ऐसे नए मंच तैयार हो रहे हैं, जिनमें खिलाड़ियों को अपना सामर्थ्य दिखाने का मौका मिल रहा हैअपने संबोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा मुझे ये देखकर भी अच्छा लगता है कि वोटर्स के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए सामुदायिक स्तर पर भी कई प्रयास हो रहे हैं. मैं ‘मन की बात’ के माध्यम से अपने पहले टाइम वोटर को कहूंगा कि वो वोटर लिस्ट में अपना नाम जरुर जुड़वाएं. इसके बाद उन्होंने कहा कि आज देश, पंजाब केसरी लाला लाजपत राय जी और फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा जी को श्रद्दांजलि दे रहा है।
पीम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा मेरे प्यारे देशवासियो, इसी 25 जनवरी को हम सभी ने नेशनल वोटर डे मनाया है। ये हमारी गौरवशाली लोकतांत्रिक परम्पराओं के लिए एक अहम दिन है. भारत का हर नागरिक, अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल कर पाए, इसके लिए हमारा चुनाव आयोग, ऐसे स्थानों पर भी पोलिंग बूथ बनवाता है जहां सिर्फ एक वोटर हो. साथियो, आज देश के लिए उत्साह की बात ये भी है कि दुनिया के अनेक देशों में जहां वोटिंग प्रतिशत कम हो रहा है, भारत में मतदान का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है।
PM मोदी ने संबोधन में कहा मैंने देश के लोगों से आग्रह किया था कि मकर संक्रांति से 22 जनवरी तक स्वच्छता का अभियान चलाया जाए. मुझे अच्छा लगा कि लाखों लोगों ने श्रद्धाभाव से जुड़कर अपने क्षेत्र के धार्मिक स्थलों की साफ़-सफाई की। मेरे प्यारे देशवासियों, इस बार 26 जनवरी की परेड बहुत ही अद्भुत रही, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा परेड में महिला सशक्तिकरण को देखकर हुई, जब कर्त्तव्य पथ पर, केंद्रीय सुरक्षा बलों और दिल्ली पुलिस की महिला टुकड़ियों ने कदमताल शुरू किया तो सभी गर्व से भर उठे.
हमारे संविधान की मूल प्रति के तीसरे अध्याय में भारत के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का वर्णन किया गया है और ये बहुत दिलचस्प है कि तीसरे अध्याय के प्रारंभ में हमारे संविधान निर्माताओं ने भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के चित्रों को स्थान दिया था। प्रभु राम का शासन, हमारे संविधान निर्माताओं के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत था और इसलिए 22 जनवरी को अयोध्या में मैंने ‘देव से देश’ की बात की थी, ‘राम से राष्ट्र’ की बात की थी।