2024 में भी सितम ढाएगी गर्मी, अल-नीनो और बिगाड़ेगा हालात; मई तक के तापमान पर WMO ने की भविष्यवाणी
नई दिल्ली 05 मार्च 2024| विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने अल-नीनो को लेकर नया अपडेट जारी किया है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने बताया है कि अल-नीनो साल 2024 में भी गर्मी बढ़ाना जारी रखेगा। इसने यह भी बताया कि 2023-24 में अल नीनो रिकॉर्ड पर पांच सबसे बड़ी आपदाओं में से एक के रूप में चरम स्थिति पर पर पहुंच गया है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने अल-नीनो के प्रभाव स्वरूप मार्च और मई के बीच लगभग सभी क्षेत्रों में सामान्य से अधिक तापमान रहने का अनुमान जताया है। वैश्विक संगठन ने कहा कि अपनी कमजोर प्रवृत्ति के बावजूद आने वाले महीनों में वैश्विक जलवायु पर इसका प्रभाव जारी रहेगा।
वैश्विक संगठन ने कहा कि अल नीनो के प्रभाव के कारण वर्तमान में दुनिया भर में रिकॉर्ड उच्च तापमान और चरम मौसम की स्थिति दर्ज की जा रही है। इसी के कारण साल 2023 को अब तक का सबसे गर्म साल भी रहा। डब्ल्यूएमओ के महासचिव सेलेस्टे साउलो ने कहा कि जून 2023 के बाद से हर महीने ने एक नया मासिक तापमान रिकॉर्ड बना है। इसके चलते साल 2023 को अब तक रिकॉर्ड पर सबसे गर्म साल के रूप में दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ते इस तापमान में अल नीनो ने भी बड़ा योगदान है।
WMO ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि मार्च से मई तक अल नीनो बने रहने की करीब 60 फीसदी संभावना है.वहीं, अप्रैल से जून के दौरान तटस्थ स्थितियों (न तो अल नीनो और न ही ला नीना) की 80 प्रतिशत संभावना है। वैश्विक संगठन ने यह भी कहा है कि साल के आखिर में ला नीना की स्थितियां बनने की संभावनाएं तो हैं, लेकिन इसमें अभी अनिश्चितता है। भारत के संदर्भ में WMO ने कहा कि जून से अगस्त तक ला नीना की स्थिति बनने का मतलब यह हो सकता है कि इस साल भारत में मानसून बारिश 2023 की तुलना में बेहतर होगी।
उन्होंने कहा कि भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान साफ तौर से अल नीनो की स्थिति को दिखाता है, लेकिन दुनिया के अन्य हिस्सों में समुद्र की सतह का तापमान पिछले 10 महीनों से लगातार और असामान्य रूप से उच्च रहा है। जनवरी 2024 में समुद्र की सतह का तापमान अब तक के रिकॉर्ड में सबसे अधिक था। यह चिंताजनक है। इससे पहले, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बीते नवंबर में कहा था कि अल-नीनो की स्थितियां अगले साल दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम को प्रभावित नहीं करेंगी। अल नीओ की तीव्र स्थिति के बीच, भारत में इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान औसत से कम संचयी वर्षा दर्ज की गई।
क्या है अल नीनो?
अल नीनो दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) का हिस्सा है, जो मौसम और महासागरों से संबंधित एक प्राकृतिक जलवायु घटना है। ENSO के दो चरण हैं- अल नीनो और ला नीना। अल नीनो का अर्थ स्पेनिश भाषा में ‘छोटा लड़का’ है और यह एक गर्म चरण है। वहीं, ला नीना का मतलब ‘छोटी लड़की’ होता है जो ठंड का चरण है।
प्रशांत महासागर में पेरू के निकट समुद्री तट के गर्म होने की घटना अल-नीनो कहलाती है। आसान भाषा में समझे तो समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में जो बदलाव आते हैं उस समुद्री घटना को अल नीनो नाम दिया गया है. इस परिवर्तन के कारण समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री अधिक हो जाता है।