कविता की याचिका पर 22 को सुनवाई; जल बोर्ड फंड जारी करने को लेकर दिल्ली सरकार पहुंची शीर्ष अदालत
नई दिल्ली 20 मार्च 2024| सुप्रीम कोर्ट बीआरएस नेता के. कविता की एक याचिका पर 22 मार्च को सुनवाई करेगी। जबकि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की एक अन्य मामले में दी गई याचिका को स्वीकार कर लिया है और एक अप्रैल को इस पर सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट बीआरएस नेता के. कविता की एक याचिका पर 22 मार्च को सुनवाई करेगी। जबकि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की एक अन्य मामले में दी गई याचिका को स्वीकार कर लिया है और एक अप्रैल को इस पर सुनवाई होगी।
बीआरएस नेता के. कविता की याचिका पर होगी सुनवाई
दिल्ली आबकारी नीति में अनियमितता के मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली बीआरएस नेता के. कविता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 22 मार्च को सुनवाई करेगा।
दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार बीआरएस नेता के कविता ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। के कविता ने साथ ही रिमांड ऑर्डर के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की है। याचिका में कविता ने कहा कि रिमांड का आदेश संविधान के अनुच्छेद 141 के अनुसार नहीं है, जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा घोषित कानून सभी राज्यों की अदालतों के लिए भी बाध्यकारी होगा। के कविता ने पीएलएलए कानून की धारा 19(1) को भी चुनौती दी है।
क्या हैं के. कविता पर आरोप
ईडी का दावा है कि के कविता ने आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर कथित तौर पर साजिश रची। जिसके तहत दिल्ली शराब नीति में फायदा पाने के लिए आप नेताओं को करीब 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। के कविता को कथित दक्षिण लॉबी का हिस्सा बताया जा रहा है। दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी अब तक देशभर में 245 ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है और मनीष सिसोदिया, संजय सिन्हा और विजय नायर समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली जल बोर्ड फंड जारी करने की मांग पर करेगा सुनवाई
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक और मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड के लिए 3000 करोड़ रुपये रिलीज नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए सबसे बड़ी अदालत का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है और एक अप्रैल को इस पर सुनवाई होगी। देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि 31 मार्च को लैप्स हो जाने के बावजूद उसकी ओर से फंड रिलीज करने का आदेश दिया जा सकता है।
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग करने वाली याचिका का उल्लेख किया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह मामले को 1 अप्रैल को सूचीबद्ध करेगा और अगर कुछ भी होता है तो निर्णय को उलटा जा सकता है।
क्या है जल बोर्ड घोटाला
प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि दिल्ली जल बोर्ड का ठेका बढ़ी हुई दरों पर दिया गया। ताकि ठेकेदारों से रिश्वत वसूली जा सके। ठेके का मूल्य 38 करोड़ रुपये था और इस पर सिर्फ 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए और शेष राशि गबन कर ली गई। इस तरह के फर्जी खर्च रिश्वत और चुनावी कोष के लिए किए गए थे। कथित तौर पर जल बोर्ड के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये का ठेका दिया था।
यह ठेका इलेक्ट्रोमेग्नेटिक फ्लो मीटर्स की आपूर्ति, स्थापना और परीक्षण के लिए दिया गया था। इस मामले में आरोप लगाया गया है कि बोर्ड और एनबीसीसी के अधिकारियों ने रिश्वत के लिए एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर का पक्ष लिया। ईडी ने इस मामले में गत 31 जनवरी को जगदीश कुमार अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था।
उधर ईडी ने मामले से जुड़ी मनी ट्रेल की जांच करते हुए आरोप लगाया है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर को अनुबंध दिए जाने के बाद अरोड़ा को नकद और बैंक खाते में रिश्वत प्राप्त हुई थी। यह पैसा अलग-अलग पार्टियों को देने का आरोप लगाया गया। वहीं आम आदमी पार्टी को चुनावी फंड के तौर पर भी पैसा दिया गया। बीते दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार, आम आदमी पार्टी के कोषाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता और अन्य लोगों के यहां छापेमारी की थी।