केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी थी, अब वह खुद भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार हो गए हैं
नई दिल्ली 22 मार्च 2024। किसी ने नहीं सोचा था कि जो शख्स 13 साल पहले इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने का संकल्प लेकर रामलीला मैदान में सामने आया था, वह इतनी जल्दी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल चला जाएगा। था। इस प्रकार, केजरीवाल के पास दो राज्यों में सरकार, तीन राज्यों में मेयर और कई राज्यसभा सदस्य हैं।
उन्होंने यह सब महज 13 साल में हासिल किया, लेकिन विवाद भी उनके साथ रहा। विवाद उसी वक्त शुरू हो गया था जब उन्होंने आम आदमी पार्टी बनाई थी, 2012 में जब उन्होंने राजनीतिक पार्टी बनाई तो सबसे पहले अन्ना हजारे ने खुद को उनसे दूर कर लिया था|
आम आदमी पार्टी (आप) अपने गठन के बाद से जिस तरह से आगे बढ़ रही थी, किसी ने नहीं सोचा था कि उत्पाद शुल्क घोटाले में पार्टी का ऐसा हश्र होगा। इस मामले में पार्टी के दो बड़े नेताओं के जेल जाने के बाद अब केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं।
इंडिया अगेंस्ट करप्शन से जेल तक का सफर
इंडिया अगेंस्ट करप्शन से जेल तक का सफर काफी चर्चित रहा है। उनके कई प्रमुख नेताओं ने पार्टी छोड़ दी या निष्कासित कर दिए गए, कई राज्यों में दो बार चुनाव लड़ने के बाद भी उनकी पार्टी अपना खाता नहीं खोल सकी|
दिल्ली में पहली बार सरकार बनाने और मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल को 49 दिनों के भीतर इस्तीफा देना पड़ा, हालांकि उन्होंने पहले उस कांग्रेस के साथ न जाने की कसम खाई थी जिसके साथ उन्होंने उस समय सरकार बनाई थी, लेकिन विपक्ष निशाना साधता रहा. इसके लिए उसे. इसके बाद उन्होंने लगातार दो बार दिल्ली में बड़ी जीत हासिल कर दोबारा सरकार बनाई|
दिल्ली में तीन बार सत्ता
मालूम हो कि दिल्ली में तीन बार सत्ता में आने के साथ केजरीवाल के नाम पर उनकर पार्टी आप पंजाब में भी सत्तासीन हुई और अब दिल्ली नगर निगम में भी कब्जा है। मगर इस दौरान वह हर समय विपक्षी दलों के निशाने पर रहे हैं।
2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े हुए अन्ना आंदोलन में अरविंद केजरीवाल को प्रमुखता से देखा गया था। आईआरएस अधिकारी केजरीवाल ने पार्टी के गठन के ठीक एक साल बाद 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा था।
आम आदमी पार्टी ने पहला चुनाव लड़ा।70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में आप दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।उसे 28 सीटें मिलीं।कांग्रेस ने उसे बाहर से समर्थन दिया और दिल्ली में केजरीवाल की सरकार बन गई, लेकिन यह सरकार अधिक दिनों तक नहीं चल सकी, 49 दिन बाद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया।
400 सीटों पर लड़ा 2014 का लोकसभा चुनाव
आप ने 2014 का लोकसभा चुनाव देश की 400 सीटों पर लड़ा। केजरीवाल वाराणसी से नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े। केजरीवाल चुनाव हार गए। आप के हाथ कुछ नहीं लगा। दिल्ली में भी एक भी सीट नहीं मिली। उनकी पार्टी सिर्फ पंजाब में चार सीटों पर जीत दर्ज कर सकी।
जब पार्टी में अंतर्कलह आई सामने
2015 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। आप को 70 में से 67 सीटें मिलीं, लेकिन इस बीच पार्टी में अंतर्कलह सामने आने लगी। अप्रैल 2015 में पार्टी के संस्थापक सदस्यों योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण और प्रो. आनंद कुमार को आप से निष्कासित कर दिया गया। इसमें बड़े नेताओं में अंतिम बार 2018 में पार्टी छोड़ने वालों में नेता आशीष खेतान रहे हैं। इससे कुछ समय पहले ही आशुतोष ने आप छोड़ दी थी।
कुमार विश्वास ने छोड़ी पार्टी
कुमार विश्वास भी आप से दूरी बना चुके हैं। जो लोग पार्टी छोड़कर गए उनमें से कुछ ने उन पर आरोप भी लगाए तो अधिकतर चुप ही रहे।मगर उनकी ओर से उनमें से कई के बारे में यह बात जरूर कही गई कि जो लोग पार्टी छोड़कर गए उनकर राजनीतिक महात्वा अधिक थी।
केजरीवाल भ्रष्टाचार को लेकर विवादों में तब आ गए थे जब करीब एक साल से आबकारी घोटाले मामले में ईडी की ओर से उनका नाम लिया जाने लगा था।इसके बाद जब नोटिस भेजे जाने का सिलसिला शुरू हुआ तो एक के बाद एक नौ नोटिस भेजे गए।
उपराज्यपाल और केंद्र सरकार के साथ हुआ टकराव
कोई विभाग पास न होते हुए भी दिल्ली सरकार से जुड़े कई मामलों में उनका नाम जांच एजेंसियों की ओर से लिया गया है। इससे पहले उनके साथ विवाद टकराव को लेकर था। जो तब थे जब वह 2015 में पूर्ण बहुमत से दिल्ली में सत्ता में आए थे तो काम करने के तरीके को लेकर उनका लगातार उपराज्यपाल और केंद्र सरकार के साथ टकराव हुआ।
लेकिन बाद के मामलों में उनके साथ भ्रष्टाचार के मामले जुड़े, हालांकि केजरीवाल और उनकी पार्टी इन आरोपों को सिरे से खारिज करती रही है. उन पर 11 मार्च 2022 को हुए गोवा विधानसभा चुनाव नतीजों में 100 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप है, जिसमें AAP को दो सीटें मिलीं. आरोप है कि ये पैसा एक्साइज घोटाले के जरिए इकट्ठा किया गया था|