केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के गर्वनेंस से भी ज्यादा बड़ी है AAP के लिए ये चुनौती, बिखर सकती है पार्टी…
नई दिल्ली 23 मार्च 2024। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी को एकजुट रखने की चुनौती बढ़ गई है, क्योंकि 12 साल पहले बनी पार्टी में तमाम लोग अपने भविष्य को देखते हुए जुड़े थे, मगर पार्टी के तीन वरिष्ठ नेताओं के जेल चले जाने से पार्टी के कार्यकर्ताओं को झटका लगा था।
अब जब केजरीवाल भी जेल चले गए हैं तो कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति ज्यादा बढ़ गई है। उन्हें एकजुट कर उनका मनोबल बनाए रखना भी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है।
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आप ने शुक्रवार को केंद्र में बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, ये बात सच है कि प्रदर्शन में आए लोगों में गुस्सा था, मगर जिस तरह की उम्मीद की जा रही थी उस लिहाज से आम जनता तो क्या कार्यकर्ता भी नहीं पहुंच सके।
बड़ी संख्या में नहीं पहुंचे आप समर्थक
जबकि बड़ी संख्या में लोगों के पहुंच जाने की आशंका को देखते हुए भारी पुलिस बल लगाया गया था। हालांकि आप का कहना है कि उनके लोगों को प्रदर्शनस्थल तक नहीं पहुंचने दिया गया। जगह-जगह से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
बहरहाल जो भी हो, केजरीवाल की गिरफ्तारी से आप को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि पूरी आप में केजरीवाल जैसा कोई नेता नहीं है। केजरीवाल जनाधार वाले नेता के रूप में उभरे हैं।
केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया का जनाधार लेकिन…
केजरीवाल के बाद में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिसा को जनाधार वाला नेता माना जाता है वह पहले से ही जेल में हैं।
संजय सिंह भी जेल में हैं। आप के पास इस समय एक भी ऐसा नेता नहीं है जो कार्यकर्ताओं को एकजुट रख सके।आप के लिए अभी तक का यह सबसे नाजुक समय है।
केजरीवाल की गिरफ्तारी से बड़ा संकट इसलिए खड़ा हो गया है क्योंकि पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार कार्यक्रम चला रही थी. फरवरी 2023 में पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद यह कार्यक्रम और तेज हो गया।
पार्टी की राष्ट्रीय विस्तार योजना को लगा झटका
इसी बीच पार्टी के सबसे बड़े चेहरे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गरफ्तारी से पार्टी की राष्ट्रीय विस्तार योजना काे झटका लग सकता है।
दरअसल आम आदमी पार्टी केजरीवाल के नाम पर चल रही है, दिल्ली ही वह राज्य है जहां बाेई गई राजनीतिक फसल को आप देशभर में काटने की तैयारी कर रही है।
दिल्ली का चाहें शिक्षा मॉडल हो या स्वास्थ्य का मॉडल या फिर बिजली पानी फ्री वाले राज्य का तमगा हो, यही वह सब कार्य हैं जिनका देशभर में आप प्रचार कर रही है और आप काे उसका लाभ मिल रहा है।
दिल्ली मॉडल के चलते ही गुजराज में भी बनाया प्रभाव
शायद यही कारण है जब आप गुजरात विधानसभा चुनाव में पांच सीटें जीत पाने में सफल रही है। आज आप की दिल्ली के अलावा पंजाब में पूर्ण बहुमत की सरकार है। आप अब देश भर में अपना तेजी से विस्तार चाहती है।
दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले केजरीवाल इसका हरियाणा से शंखनाद कर चुके हैं। इसी रणनीति के तहत आम आदमी पार्टी ने भविष्य की याेजना के तहत कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश पर फोकस बढ़ाने की रणनीति बनाई थी।
कहां-कहां है आप के विधायक और सांसद
आम आदमी पार्टी का गठन नवंबर 2012 को हुआ था। वर्तमान में आम आदमी पार्टी के पास पूरे देश में 161 विधायक हैं। जिसमें 62 विधायक दिल्ली, 92 विधायक पंजाब, दो विधायक गोवा, 5 विधायक गुजरात में हैं। इसके अलावा 10 राज्यसभा सदस्य भी हैं।
वहीं, अब दिल्ली नगर निगम में भी आम आदमी पार्टी की सरकार बन चुकी है। हालांकि इन 11 साल में आप कई चुनाव बुरी तरह हारी भी है।